उत्तराखंड में राजस्व कर्मियों का हड़ताल का अल्टीमेटम: कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर शुरू होगा आंदोलन

देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ राजस्व कार्यपालक (राजस्व निरीक्षक) सेवा नियमावली में बदलाव की तैयारी के खिलाफ पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, राजस्व उपनिरीक्षक एवं राजस्व सेवक संघ ने मोर्चा खोल दिया है। संघ ने साफ किया है कि यदि रजिस्ट्रार कानूनगो व राजस्व निरीक्षक सेवा एकीकरण नियमावली को कैबिनेट से मंजूरी दी गई, तो तत्काल पूरे प्रदेश में हड़ताल शुरू कर दी जाएगी।
*क्या है मामला?*
संघ के अध्यक्ष विजयपाल सिंह मेहता ने बताया कि पटवारी, कानूनगो को नायब तहसीलदार के पदों पर पदोन्नति में 40 प्रतिशत पदोन्नति कोटा मिलता है। 10 प्रतिशत कोटा रजिस्ट्रार कानूनगो का है। अब रजिस्ट्रार कानूनगो एकीकरण नियमावली को कैबिनेट से पास करवा कर इस 40 प्रतिशत पदोन्नति कोटे में भी हिस्सेदारी चाहते हैं, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
*आंदोलन की चेतावनी*
संघ ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव को पत्र भेज कर आंदोलन की चेतावनी दी है। कहा है कि यदि इस एकीकरण प्रस्ताव को स्वीकार किया गया तो तत्काल कलमबंद हड़ताल शुरू कर दी जाएगी। मानसून में आपदा राहत कार्यों समेत आगामी पंचायत चुनाव में भी काम नहीं किया जाएगा। पूर्ण बहिष्कार किया जाएगा।
*क्या होगा प्रभाव?*
एक हजार फील्ड कर्मियों पर प्रभाव पड़ेगा। मौजूदा राजस्व उपनिरीक्षक, निरीक्षक समेत सहायकों के तीन हजार से अधिक पद हैं। इन सभी को भविष्य में नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्नति मिलती है। एकीकरण नियमावली से सभी को नुकसान होगा। जिन लोगों के लिए ये बदलाव किया जा रहा है, उनकी संख्या मात्र 128 है। इन 128 लोगों के लिए 10 प्रतिशत पदोन्नति कोटा पहले से ही है।

