उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे: यशपाल आर्य

देहरादून, 20 मई 2025 – नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने राज्य की माध्यमिक शिक्षा की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बिना प्रधानाचार्यों के राज्य की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इन रिक्त पदों को भरने में कोई रुचि नहीं ले रही है।
*90 प्रतिशत विद्यालय बिना प्रधानाचार्यों के*
यशपाल आर्य ने कहा कि लगभग 90 प्रतिशत माध्यमिक विद्यालय बिना प्रधानाचार्यों या प्रधानाध्यापकों के चल रहे हैं। फरवरी माह में हुए बजट सत्र में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने स्वयं स्वीकार किया था कि राज्य में राजकीय इंटर कालेजों में प्रधानाचार्यों के 1385 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से केवल 277 पद भरे हुए थे। यानी प्रधानाचार्यों के 1108 पद खाली थे।
*हाई स्कूलों की भी यही स्थिति*
हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के 910 स्वीकृत पदों में से केवल 109 भरे हुए हैं, यानी 801 पद खाली हैं। इस साल मार्च में काफी बड़ी संख्या में प्रधानाचार्य या प्रधानाध्यापक सेवानिवृत्त हुए हैं।
*सरकार पर आरोप*
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार किसी छुपे हुए एजेंडे के तहत राज्य की शिक्षा व्यवस्था को खत्म करना चाह रही है। उन्होंने शिक्षा मंत्री पर विधानसभा में झूठा आश्वासन देने का आरोप लगाया। फरवरी माह में हुए बजट सत्र में शिक्षा मंत्री ने सदन में आश्वासन दिया था कि जल्दी ही वे सेवा नियमावली में परिवर्तन कर इन खाली पदों पर भर्ती या प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू कर देंगे, लेकिन 3 माह बीतने के बाद भी शिक्षा विभाग ने कोई कदम नहीं उठाया है।
*आने वाले समय में बिगड़ेगी स्थिति*
यशपाल आर्य ने कहा कि आने वाले 3 सालों में राज्य के सारे विद्यालय प्रधानाचार्य या प्रधानाध्यापक विहीन हो जाएंगे। यह राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए बड़ी अफसोसजनक स्थिति होगी।

