कैंची धाम: आध्यात्म का केंद्र या व्यापार का अड्डा?

नैनीताल के कैंची धाम में नीम करोली बाबा की समाधि है, जो एक पवित्र और आध्यात्मिक स्थान है। लेकिन आजकल इस स्थान पर व्यापार और टूरिज्म का बोलबाला है, जिससे इसकी पवित्रता और आध्यात्मिकता खतरे में पड़ गई है।
भीड़ और ट्रैफिक की समस्या
कैंची धाम में अब हर दिन हद से ज्यादा भीड़ और ट्रैफिक की समस्या है, जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में परेशानी हो रही है। हाल ही में एक एंबुलेंस में एक व्यक्ति की मौत हो गई, क्योंकि भीड़ और ट्रैफिक के कारण एंबुलेंस समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सकी।
आध्यात्मिकता की जगह व्यापार ने ले ली है
कैंची धाम अब एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन गया है, जहां लोग सोशल मीडिया के लिए रील्स बनाने और फोटो खींचने आते हैं। यहां की आध्यात्मिकता और पवित्रता खतरे में पड़ गई है, और अब यह स्थान व्यापार और टूरिज्म का अड्डा बन चुका है।
प्रश्न क्या बाबा जी अब भी मौजूद हैं?
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नीम करोली बाबा अब भी कैंची धाम में मौजूद हैं? क्या उनकी आत्मा इस व्यापार और टूरिज्म के बीच भी शांति से है? यह सवाल उन लोगों के मन में उठ रहा है जो बाबा जी की भक्ति और श्रद्धा में विश्वास करते हैं।
कैंची धाम की असली पहचान
कैंची धाम की असली पहचान इसकी आध्यात्मिकता और पवित्रता है, न कि व्यापार और टूरिज्म। यहां आने वाले लोगों को चाहिए कि वे इस स्थान की पवित्रता और आध्यात्मिकता का सम्मान करें और इसे एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन न बनाएं।

