विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस- 2024 के उपलक्ष मे मानस नशा मुक्ति केंद्र मे कार्यक्रम का आयोजन

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस- 2024 के उपलक्ष मे मानस नशा मुक्ति केंद्र मे एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे भर्ती लाभार्थियों को आत्महत्या रोकथाम दिवस महत्वपूर्ण बातों को बताया गया तथा उनकी काउंसलिंग की गई इस कार्यक्रम में मनोवैज्ञानिक सलाहकार मिनाक्षी बुधलाकोटी एवं बबिता दसोनी ने अपने वक्तव्य रखे कार्यक्रम में डॉ मनोज जोशी, कंचन उप्रेती, बच्चन पाल, रवि बिष्ट, देवेंद्र नगरकोटि, हरेंद्र धनकोटी, मुकेश कुमार, शंकर सिंह बिष्ट उपस्थित रहे.

Theme – “Help change the Narative”, बबिता दसोनी के द्वारा लाभार्थी जनों को यह जानकारी प्रदान की गई 

आत्महत्या के संकेत किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाते हैं। कुछ सामान्य संकेत हैं:
1. अत्यधिक निराशा और उदासी
2. आत्ममूल्यता की कमी:
3. आत्मघाती विचार
4. सामाजिक अलगाव
5. रुचि की कमी
6. असामान्य व्यवहार

आत्महत्या के जोखिम कारक निम्नलिखित हैं:

1. मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ: जैसे अवसाद, चिंता विकार, या द्विध्रुवीय विकार।

2. आत्महत्या का पूर्व इतिहास: खुद पर आत्महत्या का प्रयास या परिवार में आत्महत्या का मामला।

3. नशे की आदतें: शराब या ड्रग्स का अत्यधिक उपयोग।

4. मानसिक या शारीरिक शोषण: घरेलू हिंसा, यौन शोषण, या शारीरिक दुरुपयोग।

5. सामाजिक और आर्थिक समस्याएँ: बेरोजगारी, आर्थिक संकट, या सामाजिक अलगाव।

6. स्वास्थ्य समस्याएँ: गंभीर शारीरिक बीमारियाँ या लंबी अवधि की बीमारियाँ।

7.तनावपूर्ण जीवन की घटनाएँ: जैसे रिश्तों में टूटना, परिवार की समस्याएँ, या महत्वपूर्ण जीवन परिवर्तन।

आत्महत्या के जोखिम वाले व्यक्ति की मदद कैसे करें, इसे समझने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

1. सुनें और समझें: व्यक्ति को ध्यान से सुनें और उनके भावनाओं को समझने की कोशिश करें। बिना जज किए उनकी बातें सुनना महत्वपूर्ण है।
2. सहानुभूति दिखाएँ: व्यक्ति को यह महसूस कराएं कि आप उनकी स्थिति को समझते हैं और उनकी भावनाओं की कद्र करते हैं।
3. उन्हें सहायता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें: पेशेवर मदद लेने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें, जैसे कि मनोचिकित्सक या काउंसलर से संपर्क करना।
4. खुली बातचीत करें: आत्महत्या के बारे में सीधे और ईमानदारी से बात करें। इससे व्यक्ति को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का अवसर मिलेगा।
5. सुरक्षित माहौल प्रदान करें: उन्हें अकेला न छोड़ें और खतरनाक वस्तुओं को उनके पास से हटा दें।
6. सहानुभूति और समर्थन दिखाएँ: व्यक्ति को बताएं कि आप उनके साथ हैं और उनकी मदद करने के लिए तैयार हैं।
7. आपातकालीन सेवाओं से संपर्क करें: अगर स्थिति गंभीर हो, तो तुरंत आपातकालीन सेवाओं (जैसे, हेल्पलाइन या आपातकालीन नंबर) से संपर्क करें।
इन कदमों से व्यक्ति को समर्थन और सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सकता है, जो उनकी स्थिति को सुधारने में मदद कर सकता है।

गणेश मेवाड़ी

संपादक - मानस दर्पण
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