हल्द्वानी।जरूरत से ज्यादा चालाकी महंगी पड़ी दुग्ध संघ अध्यक्ष बोरा को

जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा को ज्यादा चतुराई दिखाना अब बेहद महंगा पड़ रहा है इसकी कीमत मुकेश बोरा अपने मकान की कुर्की तथा किराए के मकान के सामान को जव्त करवाकर भुगत चुके हैं मुकेश बोरा फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है लेकिन आखिर कब तक यह चलेगा क्योंकि पुलिस मोस्ट वांटेड अपराधियों को तक बड़ी आसानी से गिरफ्तार कर लेती है तो मुकेश बोरा आखिर कौन सी हस्ती है उल्लेखनीय है कि दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा पर महिला के साथ दुष्कर्म तथा नाबालिक के साथ छेड़छाड़ करने का मुकदमा दर्ज है बलात्कार एवं पोक्सो दोनों ही बेहद संगीन मामले हैं दोष सिद्ध होने पर दोनों में ही कठोर सजा का प्रावधान है मुकेश बोरा पर लगे आरोप सच है या नहीं इसका फैसला तो अदालत को ही करना होगा बहरहाल मौजूदा परिपेक्ष में इतना कहा जा सकता है कि मुकेश बोरा पर जब मुकदमा दर्ज हुआ तो पुलिस अथवा कोर्ट के हवाले खुद को कर देना चाहिए था यदि पाप किया है तो उसका प्रायश्चित करने के लिए तैयार रहना चाहिए और यदि बेकसूर है तो अपनी बेगुनाही के लिए लड़ाई लड़नी चाहिए थी लेकिन ऐसा ना कर मुकेश बोरा ने अपने लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर ली अब मुकेश बोरा पुलिस के निशाने पर है पुलिस मुकेश बोरा की दविश के लिए रात दिन एक कर रही हैं मुकेश बोरा प्रकरण पूरे उत्तराखंड में सबसे हॉट मैटर के रूप में चल रहा है मुकेश बोरा का फरार होना ही उसके लिए सबसे बड़ा मुसीबत का सबब बना है ऐसा इसलिए की शायद जनपद नैनीताल का यह पहला प्रकरण होगा जब किसी आरोपी के घर के आगे पुलिस के द्वारा मुनादी की गई है मुकेश बोरा के गांव की भी यह पहली घटना होगी जब किसी आरोपी के घर का सामान पुलिस ने कुर्क किया हो और इन सबके लिए सिर्फ और सिर्फ मुकेश बोरा को ही जिम्मेदार ठहराया जा सकता है क्योंकि इतनी बड़ी फजीहत मुकेश बोरा के फरार होने के बाद ही हुई यदि मुकेश बोरा खुद को पुलिस अथवा कोर्ट के हवाले कर देता तो शायद उसके परिवार के लोगों को यह दिन नहीं देखना पड़ता क्योंकि अदालत के द्वारा जब मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज कर दी गई थी तो फिर अन्य कोई विकल्प नहीं था यानि कि खुद को पुलिस के हवाले कर देना ही उचित होता लेकिन ऐसा नहीं कर मुकेश बोरा ने इस प्रकरण को और लंबा कर दिया है सवाल उठता है कि आखिर मुकेश बोरा पुलिस से बचकर कब तक भागता रहेगा गिरफ्तारी भी तय है और जेल जाना ही होगा तो जब सब कुछ तय है फिर ऐसी कोशिश मुकेश बोरा द्वारा किसके कहने पर की जा रही है या कौन उसे ऐसी गलत सलाह देकर भागने पर मजबूर कर रहा है

गणेश मेवाड़ी

संपादक - मानस दर्पण
[t4b-ticker]