विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई: नंदा गौरा योजना में रिश्वत लेते पकड़ी गई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

हल्द्वानी विजिलेंस टीम ने एक बड़ी कार्रवाई में नंदा गौरा योजना के फार्म में हस्ताक्षर करने के एवज में दो हजार रुपये की रिश्वत मांगने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कमलेश को रंगे हाथ पकड़ लिया। आरोपित के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी पंजीकृत कर ली गई है।

*शिकायत और जांच*

विजिलेंस को टोल फ्री नंबर 1064 पर शिकायत मिली थी कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कमलेश नंदा गौरा योजना के तहत मिलने वाली छात्रवृत्ति के लिए रिश्वत मांग रही है। शिकायतकर्ता ने बताया कि उनकी बहन ने वर्ष 2024 में सितारगंज के राजकीय कन्या इंटर कालेज से इंटर पास किया है और उसे नंदा गौरा योजना के तहत 40 हजार रुपये की छात्रवृत्ति मिलनी थी।

*रिश्वत की मांग और धमकी*

आरोप लगाया गया कि स्कूल की प्रधानाचार्य और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कमलेश ने रिश्वत की मांग की। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कमलेश ने दो हजार रुपये की रिश्वत मांगी और धनराशि न देने पर भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ न लेने देने और छात्रवृत्ति रद करवाने की धमकी दी।

*विजिलेंस की कार्रवाई*

विजिलेंस जांच में शिकायत सही पाई गई और टीम ने जाल बिछाकर आरोपित को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपित को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। विजिलेंस टीम ने आरोपित कमलेश के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है।

*नंदा गौरा योजना का महत्व*

नंदा गौरा योजना का उद्देश्य महिलाओं और बच्चियों को सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। विजिलेंस की कार्रवाई से योजना की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

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गिरीश भट्ट

एडिटर - मानस दर्पण