उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन शिक्षा में रचा नया इतिहास

SWAYAM प्लेटफॉर्म पर सर्वाधिक MOOCs संचालित करने वाला राज्य का अग्रणी संस्थान बना
हल्द्वानी 28 अक्टूबर, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (UOU) ने एक बार फिर ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अग्रणी भूमिका को सिद्ध करते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया है। विश्वविद्यालय ने भारत सरकार के SWAYAM (Study Webs of Active Learning for Young Aspiring Minds) प्लेटफॉर्म पर उत्तराखंड राज्य के विश्वविद्यालयों में सर्वाधिक MOOCs (Massive Open Online Courses) संचालित करने का गौरव प्राप्त किया है।
जुलाई 2025 सत्र में विश्वविद्यालय द्वारा संचालित 12 MOOCs में कुल 42,454 शिक्षार्थियों ने नामांकन किया, जो किसी भी एक सत्र में अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। अब तक विश्वविद्यालय के MOOCs में 2,06,536 शिक्षार्थी नामांकित हो चुके हैं, जिनमें 60 से अधिक देशों के विद्यार्थी सम्मिलित हैं।
विश्वविद्यालय द्वारा संचालित ये ऑनलाइन कोर्स Cyber Security, Digital Forensics, Web Technology, Management, Education और Life Skills जैसे समसामयिक एवं रोजगारोन्मुख विषयों पर आधारित हैं, जिनका उद्देश्य विद्यार्थियों को डिजिटल युग की आवश्यकताओं के अनुरूप सक्षम बनाना है।
कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी बोले — “यह उपलब्धि शिक्षार्थियों के विश्वास और समर्पण का परिणाम”
प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी ने कहा,
> “यह उपलब्धि न केवल हमारे शिक्षकों, विषय विशेषज्ञों और तकनीकी टीम की मेहनत का परिणाम है, बल्कि यह हमारे शिक्षार्थियों के विश्वास और समर्पण का भी प्रतीक है। दो लाख से अधिक नामांकन हमारे इस संकल्प को और मजबूत करते हैं कि हम उच्च शिक्षा को अधिक सुलभ, लचीला और प्रासंगिक बनाएंगे। हमारा लक्ष्य है कि डिजिटल शिक्षा को सीमाओं से परे ले जाकर हर विद्यार्थी तक पहुँचाया जाए।”
गुणवत्ता, नवाचार और भविष्य की दिशा
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020), राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCrF) और राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (NSQF) के उद्देश्यों के अनुरूप life-long learning और skill-based education को प्रोत्साहित कर रहा है।
विश्वविद्यालय द्वारा सामग्री के स्थानीयकरण (Content Localization) की दिशा में भी उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं। SWAYAM बोर्ड ने विश्वविद्यालय के एक कोर्स को 8 भारतीय भाषाओं में अनुवाद हेतु चयनित किया है, जो “भाषाई समावेशन” की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
साथ ही, विश्वविद्यालय अब हिंदी माध्यम में MOOCs विकसित कर रहा है, ताकि अधिकाधिक भारतीय विद्यार्थी अपनी मातृभाषा में नवीनतम ज्ञान प्राप्त कर सकें। आगामी सत्र में विश्वविद्यालय का लक्ष्य है — “AI for All” विषय पर हिंदी माध्यम में नया MOOC विकसित करना, जिससे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) को जनसुलभ बनाया जा सके।
भविष्य की योजनाएँ और नई पहलें
कुलपति प्रो. लोहनी ने बताया कि विश्वविद्यालय अपने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर उन्नयन पर विशेष ध्यान दे रहा है। एशियाई विकास बैंक (ADB) परियोजना के अंतर्गत Educational Multimedia Production Centre (EMPC) की स्थापना हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है।
इसके साथ ही, ई-कंटेंट निर्माण सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए आधुनिक उपकरणों की व्यवस्था और तकनीकी मानव संसाधन के सशक्तिकरण की दिशा में भी कार्य चल रहा है।

प्रेस कांफ्रेंस का समापन कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी द्वारा विश्वविद्यालय परिवार को इस उपलब्धि के लिए बधाई और भविष्य में और ऊँचाइयाँ छूने के संकल्प के साथ किया गया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के योजना बोर्ड एवं मान्यता बोर्ड के सदस्य और राष्ट्रीय परीक्षा संस्था (NTA) के अध्यक्ष प्रो. प्रदीप कुमार जोशी, मान्यता बोर्ड सदस्य प्रो. एच. सी. पोखरियाल, निदेशक क्षेत्रीय सेवाएं प्रो. गिरिजा पाण्डेय, निदेशक अकादमिक प्रो. पी. डी. पंत, कंप्यूटर साइंस के निदेशक प्रो. जितेंद्र पाण्डेय तथा पत्रकारिता एवं मीडिया के निदेशक प्रो. राकेश चंद्र रयाल सहित विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।







