उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय का तीन दिवसीय ‘प्रगति उत्सव’ गीत-संगीत, योग और देशभक्ति के संदेश के साथ संपन्न

“अपने दायित्वों का निर्वहन ही देश के लिए योगदान है” – प्रो. लोहनी
हल्द्वानी, 15 अगस्त।
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय प्रगति उत्सव का समापन आज 69वें स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर ध्वजारोहण, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, गीत, कविताओं और योग की मनमोहक प्रस्तुतियों के साथ संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः ध्वजारोहण से हुई, जिसमें विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी ने ध्वज फहराया और देशभक्ति से ओतप्रोत भाषण दिया। उन्होंने कहा,
“जब हम विदेश में रहते हैं तो आज़ादी का मूल्य और अधिक समझ में आता है। यह आवश्यक है कि हम अपनी भूमिका को ईमानदारी से निभाएं, यही असली देशसेवा है। देशभक्ति केवल सीमाओं पर नहीं होती, अपने कार्यस्थल पर ईमानदारी से काम करना भी राष्ट्र को सशक्त बनाता है।”
विश्व भ्रमण का अनुभव साझा करते हुए प्रो. लोहनी ने कहा कि आज भारत विश्व मंच पर मजबूत स्थिति में है और दुनिया भारत की आज़ादी को एक प्रेरणा की तरह देखती है। हमें भी अपने जीवन में रोल मॉडल बनकर देश का गौरव बढ़ाना है।
मुख्यमंत्री के निर्णय का स्वागत
कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा हर जिले में मॉडल शिक्षा केंद्र स्थापित करने और उनके संयोजन का दायित्व उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय को देने पर खुशी और गर्व व्यक्त किया गया।
क्षेत्रीय भाषाओं के प्रति आशा
पहरु पत्रिका के संपादक हयात सिंह रावत ने कुलपति का स्वागत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय क्षेत्रीय भाषा और अस्मिता का केंद्र बनेगा, ऐसी उम्मीदें हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि विवि की लाइब्रेरी में कुमाऊंनी और गढ़वाली साहित्य की पुस्तकें रखी जाएं, जिससे क्षेत्रीय पाठ्यक्रम तैयार करने में मदद मिल सके।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समां
ध्वजारोहण के बाद विश्वविद्यालय के संगीत विभाग द्वारा भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। विवि के कर्मचारियों ने देशभक्ति गीतों से माहौल को भावविभोर कर दिया।
योग विभाग के विद्यार्थियों ने आकर्षक योग नृत्य व एकल योग प्रदर्शन प्रस्तुत किया, जिसे उपस्थित जनसमूह ने खूब सराहा। साथ ही विवि के शिक्षण व शिक्षणेत्तर विभागों से भी कई लोगों ने कविताएं और गीत प्रस्तुत किए।
विशिष्ट उपस्थिति
इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. खेमराज भट्ट, वित्त नियंत्रक सूर्य प्रताप सिंह, प्रो. पीडी पंत, प्रो. गिरिजा पांडे, प्रो. मंजरी अग्रवाल, प्रो. राकेश रयाल, प्रो. एमएम जोशी, कवि नरेंद्र बंगारी, जन्मजय तिवारी, शोधार्थी व विश्वविद्यालय परिवार के सभी सदस्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान आयोजित दो दिवसीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की प्रदर्शनी का भी सभी ने अवलोकन किया और शहीदों के प्रति श्रद्धा अर्पित की।
सफल संचालन
पूरे कार्यक्रम का संचालन डॉ. शशांक शुक्ला और डॉ. राजेन्द्र कैड़ा ने कुशलता से किया।

