राज्य जलागम परिषद के उपाध्यक्ष शंकर कोरंगा ने ली विभागीय अधिकारियों के साथ परिचयात्मक बैठक
राज्य जलागम परिषद के उपाध्यक्ष शंकर कोरंगा ने ली विभागीय अधिकारियों के साथ परिचयात्मक बैठक
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+ विभागीय कार्यों की समीक्षा के साथ ही परियोजनाओं की प्रगति पर किया विचार-विमर्श
+ टीम भावना से काम करने तथा अधूरे कार्यों को तय सीमा के भीतर पूरा करने के अधिकारियों को दिये निर्देश
+ कोरंगा ने कहा जन हित से जुड़े कार्यों पर अधिकारी एवं कर्मचारी किसी भी लापरवाही से बचें
+ ग्राम पंचायतों में नौले- धारे- गधेरों को संरक्षित करने के लिए व्यावहारिक एवं परम्परागत तकनीकों से कार्य करने पर दिया विशेष जोर
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हल्द्वानी ( नैनीताल ), उत्तराखण्ड राज्य जलागम परिषद के उपाध्यक्ष एवं दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री शंकर कोरंगा ने आज यहाँ हीरानगर स्थित जलागम परियोजना निदेशक कार्यालय में विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की एक परिचयात्मक बैठक ली ।
कार्यालय सभागार में बुलाई गयी यह परिचयात्मक बैठक ग्यारह बजे शुरू हुई और लगभग चार घंटों तक चली ।
परियोजना निदेशक के मार्गदर्शन मेंअधिकारियों एवं कर्मचारियों का परिचय प्राप्त करने के बाद राज्य जलागम परिषद उपाध्यक्ष शंकर कोरंगा द्वारा कुमाऊं मंडल समेत राज्यभर में जलागम परियोजना के आधारभूत ढाँचे के साथ ही पूर्व में किये गये कार्यों की विस्तार से जानकारी प्राप्त की गयी। इसी के साथ मौजूदा कार्यों की प्रगति पर भी अपडेट्स भी ली गयी ।
जलागम परिषद द्वारा पूर्व में किये गये विभागीय कार्यों एवं वर्तमान में संचालित कार्यो की प्रगति की जानकारी परियोजना निर्देशक एस के उपाध्याय द्वारा पावर पॉइन्ट प्रेजेन्टेशन एवं डाक्यूमेंटरी के जरिये डेमो दिखाकर विस्तार पूर्वक प्रदान की गयी। इसके अन्तर्गत मुख्यरूप से विभाग द्वारा कराये जा रहे कार्यों, जलावायु अनुकूल वारानी कृषि परियोजना, स्प्रिंग एण्ड रीवर रिजुविनेशन तथा प्रधानमंत्री कृषि योजना की धरातलीय जानकारी शामिल थी।
इस दौरान परियोजना निदेशक एस के उपाध्याय द्वारा व्यक्तिगत रूप से भी अलग – अलग क्षेत्रों में चल रहे कार्यों की वस्तु स्थिति से राज्य स्तरीय परिषदउपाध्यक्ष शंकर कोरंगा को अवगत कराते हुए सन्तुष्ट कराने के प्रयास किये गए।
विस्तार से कार्यों की वस्तुस्थिति जानने के पश्चात श्री कोरंगा ने कहा कि सभी अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ उचित समन्वय एवं टीम भावना के साथ विकास कार्यों को आगे बढ़ायें । उन्होंने कहा कि जलागम के कार्यों से लाभान्वित होने वाले ग्रामीणों अथवा क्षेत्रीय लोगों के साथ भी उचित समन्वय नितान्त आवश्यक है, ताकि लोगों की समस्याओं या फिर सुझावों को ध्यान में रखकर कार्य निर्विवाद तरीके से सम्पन्न हो सके।
उपाध्यक्ष शंकर कोरंगा ने कहा कि सभी विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी निश्चित समयावधि में कार्यों को पूरा करें और किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचते हुए जन आकांक्षाओं पर खरा उतरने का भरसक प्रयास करें। उन्होंने कहा कि ग्राम पचायतों में नौले, धारे एवं गधेरों को पुनर्जिवित करने तथा संरक्षित करने की दिशा में अधिकारी विशेष प्रयास करें। उन्होंने यह भी कहा कि ग्राम पंचायतों में रोजगार परक कार्यों को सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम अनिवार्य रूप से संचालित करने होंगे ।
श्री कोरंगा ने यह भी कहा कि कार्यों की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता हरगिज स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विकास के विजन को धरातल पर उतारने के लिए हम सभी को पूरी । कार्यक्षमता से काम करने की जरूरत है।

