देहरादून की मेघा पन्त ने पीएचडी की उड़ान भरी, बायोटेक्नोलॉजी में रचा इतिहास!

देहरादून। उत्तराखंड की प्रतिभाओं का परचम एक बार फिर लहराया है। देहरादून निवासी मेघा पन्त को कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल द्वारा जैव प्रौद्योगिकी (बायोटेक्नोलॉजी) विषय में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (PhD) की उपाधि प्रदान की गई है।
मेघा का शोध “वैक्टोरिया-डिराइव्ड अप्रोच टू सिंथेसाइज कार्बन क्वांटम डॉट्स फॉर बायोलॉजिकल एप्लीकेशन्स” विषय पर केंद्रित रहा। उन्होंने यह शोध भीमताल स्थित जे.सी. बोस डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी में डॉ. अनिर्बान दंडपत के निर्देशन में सफलतापूर्वक पूर्ण किया।
मेघा पन्त ने अपनी प्रारंभिक उच्च शिक्षा राजस्थान की प्रतिष्ठित वनस्थली विद्यापीठ से पूरी करते हुए बायोटेक्नोलॉजी में एमएससी की डिग्री प्राप्त की थी। सफलता के इस मुकाम पर पहुंचने के बाद उन्होंने इसका श्रेय अपने माता-पिता के समर्थन और आशीर्वाद को दिया है।
यह उपलब्धि न सिर्फ मेघा की मेहनत का परिणाम है, बल्कि उत्तराखंड की बेटियों की काबिलियत का भी एक उज्ज्वल प्रमाण है।

