नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने गोल्ज्यू देवता के दरबार में लगाई अर्जी

“गोल्ज्यू की भूमि पर लोकतंत्र का अपहरण: नैनीताल पंचायत चुनाव में अराजकता पर उठे सवाल”
नैनीताल ज़िला पंचायत चुनावों के दौरान नैनीताल में जो घटनाएँ सामने आईं, उन्होंने उत्तराखंड की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर गहरा प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। प्रदेश की राजनीति में पहली बार ऐसा देखा गया जब दिनदहाड़े पुलिस की मौजूदगी में जिला पंचायत सदस्यों का कथित अपहरण कर लिया गया।
इस अभूतपूर्व घटना से आहत नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने गोल्ज्यू देवता की शरण ली है। उन्होंने गुरुजी दरबार पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई और कहा कि यह केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और नैतिक मर्यादाओं पर भी हमला है।
आर्य ने कहा, “यह न्याय के देवता गोल्ज्यू की भूमि है, जहां अन्याय टिक नहीं सकता। मैं अत्यंत व्यथित हूं। यह हमारी अस्मिता, संस्कृति और परंपरा पर चोट है।”
नेता प्रतिपक्ष ने इस बात पर भी भरोसा जताया कि नैनीताल उच्च न्यायालय — जो स्वयं गोल्ज्यू की भूमि पर स्थित है — इस मामले की गंभीरता को समझेगा और आवश्यक न्यायिक कार्रवाई करेगा।
उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पर भी नैतिक जिम्मेदारी का प्रश्न उठाया, जो स्वयं चम्पावत से हैं — वह धरती जहाँ गोल्ज्यू का जन्म और कर्म दोनों जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि यह संयोग नहीं बल्कि संकेत है कि अब न्याय होगा।
जनमानस का भी यही विश्वास है कि इस देवभूमि पर अन्याय ज्यादा समय तक नहीं टिक सकता। गोल्ज्यू देवता — जिन्हें न्याय का देवता माना जाता है — जरूर न्याय करेंगे।

