नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने राज्य निर्वाचन आयोग पर पक्षपात का लगाया आरोप, पंचायत चुनावों की पारदर्शिता पर उठाए सवाल

देहरादून, 18 जुलाई राज्य में पंचायत चुनावों की पारदर्शिता को लेकर बड़ा राजनीतिक आरोप सामने आया है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने राज्य निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग का आचरण और व्यवहार यह संकेत दे रहा है कि वह सरकार की शह पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आयोग के अधिकारी चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने की बजाय उसमें लगातार बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।
श्री आर्य ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य गठन के बाद 24 फरवरी 2003 को तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नारायण दत्त तिवारी की सरकार के समय, राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एक स्पष्ट आदेश जारी किया था। इस आदेश के अनुसार, प्रत्येक प्रत्याशी द्वारा नामांकन पत्र के साथ दी गई जानकारी और शपथपत्र को संबंधित निर्वाचन अधिकारी को कार्यालय के सूचना पट पर प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया था।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, इन सूचनाओं के आधार पर मतदाता सही उम्मीदवार का चयन कर सकें, यही इस आदेश का उद्देश्य था। इससे यह भी स्पष्ट होता कि कोई प्रत्याशी गलत या भ्रामक जानकारी तो नहीं दे रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि 2025 के पंचायत चुनावों में इस आदेश का पालन नहीं किया गया है। प्रदेश के किसी भी जिले में अभी तक उम्मीदवारों की जानकारी सार्वजनिक सूचना पटों पर प्रदर्शित नहीं की गई है और न ही यह जानकारी किसी वेबसाइट पर डाली गई है।
श्री आर्य ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर कई जागरूक नागरिकों ने निर्वाचन आयोग को लिखित शिकायतें भी दी हैं, लेकिन आयोग ने अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया। उन्होंने इसे चुनावी प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही और पंचायती लोकतंत्र के लिए हानिकारक बताया।
उन्होंने कहा कि चुनाव के लिए तैयार की गई निर्देश पुस्तिका में इस आदेश को भी शामिल किया गया है और सभी जिला अधिकारियों को इसके अनुपालन के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं, इसके बावजूद इसकी अवहेलना होना अत्यंत चिंताजनक है।
नेता प्रतिपक्ष ने आशंका जताई कि शायद कुछ ‘चहेते’ प्रत्याशियों को लाभ पहुंचाने के लिए उनके द्वारा दी गई गलत या भ्रामक सूचनाओं को सार्वजनिक नहीं किया गया है, ताकि मतदाता गुमराह हों और उन्हें सही जानकारी ना मिल सके।
उन्होंने निर्वाचन आयोग से मांग की कि वह तुरंत हस्तक्षेप कर सभी जिलों में प्रत्याशियों की जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश दे और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करे।

