गांवों की तक़दीर संवारने मैदान में उतरीं कविता जोशी

जयपुर खीमा-पदमपुर-देवलिया में विकास की नई इबारत लिखने को तैयार!

मोटाहल्दू (नैनीताल) जयपुर खीमा, पदमपुर, देवलिया इस बार के क्षेत्र पंचायत सदस्य चुनावों में माहौल कुछ अलग है। पुराने राजनीतिक समीकरणों को चुनौती देती एक नई आवाज़, एक नया नाम, और एक नई सोच ने ग्रामीण क्षेत्र में हलचल पैदा कर दी है — कविता जोशी। ग्रामीण परिवेश से आईं, ज़मीन से जुड़ी और बदलाव की इच्छा से प्रेरित यह युवा नेत्री अब पंचायत राजनीति को एक नई दिशा देने को तैयार हैं।

“अब गांव बदलेगा, कविता के साथ चलेगा” 

ग्रामीणों का नया नारा

कविता जोशी केवल एक प्रत्याशी नहीं, बल्कि एक उम्मीद बन चुकी हैं। उनका स्पष्ट कहना है,

> “मैं चुनाव नहीं लड़ रही, मैं गांवों की तस्वीर बदलने की मुहिम चला रही हूं।”

क्या हैं कविता जोशी के प्रमुख एजेंडे?

1. शिक्षा:

प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों की हालत सुधारना

बालिकाओं के लिए विशेष सुविधाएं सुनिश्चित करना

2. स्वास्थ्य:

गांवों में सस्ती व सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं

मोबाइल हेल्थ वैन की शुरुआत

3. सड़क और यातायात:

जर्जर सड़कों की मरम्मत

गांवों को मुख्य सड़कों से जोड़ने की योजना

4. रोज़गार:

युवाओं व महिलाओं के लिए स्वरोजगार प्रशिक्षण शिविर

स्वरोजगार ऋण सहायता

5. स्वच्छता और जल व्यवस्था:

शुद्ध पेयजल की उपलब्धता

सार्वजनिक शौचालय और कचरा प्रबंधन पर विशेष ध्यान

जनता की ज़ुबानी

पूजा कपिल, गांव की महिला बताती हैं:

> “अब तक सिर्फ वादे सुने थे, पहली बार कोई बहू गांव की भलाई के लिए कुछ करने निकली है।”

पिछले प्रतिनिधियों से तुलना

जहां अब तक के प्रतिनिधि बुनियादी समस्याओं को अनदेखा करते रहे, वहीं कविता जोशी ने इन्हें अपने अभियान का मूल बनाया है। साफ नीयत, पारदर्शी दृष्टिकोण और स्थानीय ज़रूरतों की गहरी समझ ने उन्हें जन-समर्थन की दिशा में मजबूत किया है।

कविता जोशी का संकल्प

> “मैं राजनीति नहीं, सेवा करने आई हूं। बदलाव तभी संभव है जब जनता और प्रतिनिधि साथ चलें। मैं हर व्यक्ति की आवाज़ बनूंगी। जयपुर खीमा पदमपुर देवलिया को एक आदर्श पंचायत बनाना मेरा सपना है।”

निष्कर्ष:

कविता जोशी की उम्मीदवारी ने न सिर्फ पंचायत चुनाव को नई दिशा दी है, बल्कि ग्रामीण राजनीति में विकास और सेवा जैसे मूल्यों को फिर से जीवंत कर दिया है। अगर वे विजयी होती हैं, तो यह केवल एक महिला की जीत नहीं, बल्कि गांवों के पुनर्निर्माण की एक ऐतिहासिक शुरुआत होगी।

✅ यह रिपोर्ट हमारे ग्राउंड रिपोर्टर द्वारा क्षेत्र के लोगों और स्वयं कविता जोशी से बातचीत के आधार पर तैयार की गई है।


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गिरीश भट्ट

मुख्य संवाददाता - मानस दर्पण