वन माफिया और अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध पेड़ कटाई, वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल
परमिशन की आड़ में काट डाले सागौन के हरे भरे पेड़, विभाग ने शुरू की जांच
हल्द्वानी । कानूनी व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते हुए वन माफिया और जिम्मेदार अधिकारियों के बीच मिलीभगत का मामला सामने आया है।प्रदेश सरकार जहां पर्यावरण संरक्षण और हरियाली बढ़ाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर वृक्षारोपण अभियान चला रही है, वहीं जिम्मेदार अधिकारी और ठेकेदार पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने में जुटे हुए हैं। ताजा मामला हल्द्वानी तहसील क्षेत्र के अन्तर्गत गौरापढ़ाव स्थित हरीपूर पूर्णानंद गांव का है, जहां एक ठेकेदार और भूस्वामी ने परमिशन की आड़ में प्रतिबंधित सागौन और आम के हरे भरे पेड़ों की कटाई की है। ठेकेदार और भूस्वामी ने वन विभाग से 26 पेड़ों का परमिट जारी किया जिसकी आड़ में भूस्वामी और ठेकेदार ने 4 हरे भरे सागौन और आम के हरे भरें पेड़ काट दिये। काटे गए पेड़ों की लकड़ी को रात के अधेंरे में ठिकाने लगाने की तैयारी थी लेकिन इस बीच एक समाजसेवी ने मामले की शिकायत वन विभाग से लेकर राजस्व विभाग के अधिकारियों से की। वही शिकायत के बाद आज वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर काटे गए 4 सागौन के 17 गिल्टों को बरामद किया है जबकि अन्य काटे गए पेड़ों पेमाइश की जा रही है बताया जा रहा है बिना परिमिशन के लगभग दो दर्जन से अधिक हरे भरें पेड़ों की कटाई की गई है। फिलहाल वन विभाग पूरे मामले की जांच कर रहा है। इधर समाजसेवी ने राजस्व विभाग से भी कार्यवाही की मांग की है। बताते चले कि तराई केन्द्रीय रूद्रपुर डिवीजन की हल्द्वानी रेंज के अन्तर्गत हल्द्वानी तहसील क्षेत्र के गौरापढ़ाव स्थित हरीपूर पूर्णानंद गाँव में मित्रुल टंडन पुत्र गोपाल टंडन ने 12 पेड़ सागौन और 6 शीशम 1 चीड़ के कटाने की अनुमति वन विभाग से ली इसके अलावा उसी भूमि पर प्रकाश नारायण पुत्र प्रताप नारायण निवासी हल्द्वानी ने 4 पेड़ सागौन तथा 2 पेड़ शीशम और 1 पेड़ पीपल के काटने की अनुमति वन विभाग से ली थी। लेकिन ठेकेदार और भूस्वामी ने वन विभाग से मिलकर एक दर्जन से अधिक सागौन और आम को काट दिया। उक्त मामले का खुलासा स्थानीय समाजसेवी गजेंद्र पाल सिंह ने किया उन्होंने वन विभाग को लिखित शिकायत देकर कार्यवाई की मांग। जिसके बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने काटे सभी पेड़ों की जांचकर पैमाईश की जांच में वन विभाग की टीम ने 4 पेड़ सागौन के अवैध काटे पाये गए। जिसपर वन विभाग ने 4 पेड़ सागौन के 17 गिल्टें बरामद किये गए। इधर सूत्रों से जानकारी मिली है कि लगभग एक दर्जन से पेड़ों की अवैध कटाई की गई है। फिलहाल वन विभाग पूरे मामले की जांच में जुटा है। इधर वन क्षेत्राधिकारी आन्नद आर्या ने कहा कि उनके द्वारा 26 पेड़ों की परिमिशन दी गई है जो दो लोगों को दी गई थी। उन्होंने कहा कि 26 पेड़ों परमिशन दी थी लेकिन 4 अन्य पेड़ सागौन के काटे गए जिसकी लकड़ी बरामद कर ली गई है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा जो भी पेड़ काटे गए हैं उसकी जांच की जा रही है । उन्होंने कहा कि परमिशन से अतिरिक्त जो भी पेड़ काटे गए हैं उसे बरामद कर नियम नियमानुसार कार्यवाई की जाएगी। इधर शिकायतकर्ता एवं पर्यावरण मित्र गजेंद्र पाल सिंह ने कहा कि उक्त जमीन पर अवैध रूप से सागौन और आम सहित अन्य पेड़ों की अवैध कटाई की जा रहीं थी जिसकी लकड़ी चोरी से बेचने की तैयारी चल रही थी उन्होंने कहा कि मामले की शिकायत उन्होंने वन विभाग से लेकर राजस्व विभाग से की जिसपर वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर 4 पेड़ सागौन की लकड़ी बरामद की है उन्होंने राजस्व विभाग से कार्यवाही की मांग की है।