बड़ी उपलब्धि: UPSC के निदेशक बने नरदेव वर्मा, जौनसार बावर के पहले व्यक्ति बनकर रचा इतिहास

जौनसार बावर (उत्तराखंड) जौनसार बावर के छोटे से गांव कनबुआ का नाम आज पूरे देश में गर्व से लिया जा रहा है। गांव के सपूत नरदेव वर्मा ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में निदेशक पद का कार्यभार संभालकर नया इतिहास रच दिया है। वे इस शीर्ष पद तक पहुंचने वाले पहले जौनसारी बने हैं।
संघ लोक सेवा आयोग में संभाली बड़ी जिम्मेदारी
नरदेव वर्मा इससे पहले UPSC में संयुक्त निदेशक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे। उनके अनुशासन, कार्यकुशलता और ईमानदारी को देखते हुए आयोग ने उन्हें पदोन्नति देकर निदेशक बनाया है। यह पद न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के लिहाज से भी यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
गांव की पाठशाला से UPSC निदेशक तक का सफर
नरदेव वर्मा की प्रारंभिक शिक्षा उनके पैतृक गांव कनबुआ के प्राथमिक विद्यालय में हुई। इसके बाद उन्होंने इंटरमीडिएट की पढ़ाई जौनसार बावर इंटर कॉलेज, साहिया से की और फिर देहरादून के डीएवी पीजी कॉलेज से उच्च शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने अपने कठिन परिश्रम से यह सिद्ध किया कि सुदूरवर्ती गांवों से भी देश की सर्वोच्च संस्थाओं में जगह बनाई जा सकती है।
गांव में जश्न का माहौल, हर कोई गौरवान्वित
नरदेव वर्मा की नियुक्ति की खबर से जौनसार बावर क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है। गांव-गांव में लोग इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं। सोशल मीडिया से लेकर चौपालों तक नरदेव वर्मा के चर्चे हैं।
“यह सिर्फ मेरी नहीं, पूरे जौनसार बावर की जीत है,” — नरदेव वर्मा (UPSC निदेशक)

