हरिद्वार मनसा देवी रोपवे टेंडर मामला: यशपाल आर्य ने उठाए भ्रष्टाचार के सवाल

देहरादून, 14 जून – नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने हरिद्वार मनसा देवी रोपवे के टेंडर मामले में राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार का एक गंभीर उदाहरण है और भ्रष्ट सिस्टम किस तरीके से लोगों की जान से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूक रहा है।

टेंडर में बदलाव पर उठे सवाल

आर्य ने कहा कि हरिद्वार नगर निगम ने मनसा देवी रोपवे के संचालन और रखरखाव के लिए एक टेंडर जारी किया था, जिसमें रोपवे के अनुभव वाली कंपनियों को ही शामिल किया गया था। लेकिन बाद में इस टेंडर में बदलाव किया गया और रोपवे के अनुभव वाली कंपनियों के साथ-साथ रोपवे ऑपरेशन के लिए हॉस्पिटल चलाने वाली, पुल और हाईवे बनाने वाली, यहां तक कि टेलीकॉम सेक्टर की कंपनियों से बोली मंगा ली गई।

सुरक्षा पर सवाल

आर्य ने कहा कि रोपवे के संचालन के लिए कंपनियों की अनुभवहीनता के कारण सुरक्षा पर सवाल उठने लगे और ये बदलाव नगर आयुक्त नंदन कुमार ने नगर निगम बोर्ड की मंजूरी के बिना किए थे, जिससे प्रक्रियागत खामियों और पारदर्शिता पर सवाल उठे।

उच्च न्यायालय की फटकार

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार नगर निगम द्वारा संशोधित ईओआई पर राज्य सरकार को फटकार लगाई है, जिसमें राजमार्गों, पुलों, मेट्रो, सुरंगों, दूरसंचार और अस्पतालों से जुड़ी कंपनियों को रोपवे परियोजना के लिए बोली लगाने की अनुमति दी गई है। टेंडर फिलहाल रोक दिया है। कोर्ट ने इसे गंभीर विषय मानते हुए इसे मानव जिंदगी से खिलवाड़ करने वाला बताया।

सरकार से जांच की मांग

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार को इस गंभीर भ्रष्टाचार के विषय की विस्तृत और निष्पक्ष जांच करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर भ्रष्टाचार की इस प्रक्रिया को माननीय उच्च न्यायालय न रोकता तो भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं की जिम्मेदारी किसकी होती।


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गिरीश भट्ट

मुख्य संवाददाता - मानस दर्पण