हल्द्वानी: प्राइवेट स्कूलों को बनानी होगी अपनी वेबसाइट, 49 स्कूलों को नोटिस जारी

नैनीताल। जिले में शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों की कार्यप्रणाली को दुरुस्त करने के लिए कड़ा रुख अपनाया है। आरटीओ रोड स्थित एक निजी स्कूल में शनिवार को आयोजित समीक्षा बैठक में सामने आया कि जिले के 523 निजी विद्यालयों में से 49 स्कूलों ने अभी तक यू-डायस पोर्टल पर पंजीकरण नहीं कराया है। विभाग ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए संबंधित स्कूल प्रबंधनों को नोटिस जारी कर तत्काल स्पष्टीकरण तलब किया है।

प्रत्येक छात्र की अपार आईडी अनिवार्य

मुख्य शिक्षाधिकारी (सीईओ) गोविंद राम जायसवाल ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी निजी विद्यालय प्रत्येक विद्यार्थी की अपार आईडी अनिवार्य रूप से बनाएं। साथ ही, यू-डायस पोर्टल पर निर्धारित समयसीमा के भीतर पंजीकरण पूरा करना हर स्कूल की जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि अब सभी निजी स्कूलों में इनोवेशन काउंसिल गठित की जाएगी, जिसमें उन्हें नवाचार आधारित आइडियाज भी अपलोड करने होंगे।

पहली कक्षा में प्रवेश की न्यूनतम आयु छह वर्ष

सीईओ जायसवाल ने कहा कि पहली कक्षा में प्रवेश की न्यूनतम आयु छह वर्ष तय है, इससे कम उम्र के बच्चों को प्रवेश न दिया जाए। उन्होंने सभी विद्यालयों को इस नियम का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।

फीस, किताबें और ड्रेस पर मनमानी की शिकायतें भी उठीं

बैठक में 20 से अधिक महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई। निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली, एक निश्चित दुकान से किताबें, कॉपियां और ड्रेस लेने के लिए अभिभावकों को बाध्य करने, तथा सरकारी योजनाओं की अनदेखी जैसी शिकायतें भी प्रमुख रूप से सामने आईं। सीईओ ने चेतावनी दी कि ऐसी शिकायतों पर विभाग सख्त कार्रवाई करेगा।

सभी निजी स्कूलों को बनानी होगी वेबसाइट

सीईओ ने निर्देश दिए कि नए शैक्षणिक सत्र से पहले हर निजी विद्यालय अपनी आधिकारिक वेबसाइट तैयार करे। वेबसाइट पर फीस संरचना, स्कूल से जुड़ी अनिवार्य जानकारी, तथा अन्य महत्वपूर्ण विवरण सार्वजनिक करना अनिवार्य होगा, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और अभिभावकों की शिकायतें कम हों।

सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन अनिवार्य

उन्होंने ‘मिशन लाइफ’, ‘स्वच्छ हरित विद्यालय’, ‘एक पेड़ मां के नाम’ सहित अन्य सरकारी योजनाओं को भी सभी निजी स्कूलों में अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश दिए।

समीक्षा बैठक के बाद विभाग ने साफ कर दिया कि नियमों को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


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गिरीश भट्ट

मुख्य संवाददाता - मानस दर्पण

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