ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी हल्द्वानी कैंपस में ‘कौथिक 2.0’ का भव्य आयोजन, पहाड़ी संस्कृति और स्वादों की रही धूम

हल्द्वानी। ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, हल्द्वानी कैंपस में शुक्रवार को ‘कौथिक 2.0’ नामक सांस्कृतिक मेले का सफल और भव्य आयोजन किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड की समृद्ध पहाड़ी संस्कृति और पारंपरिक व्यंजनों को बढ़ावा देना रहा।
कार्यक्रम में हल्द्वानी और देहरादून से लगभग 20 प्रमुख सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स ने भाग लिया, जिनमें प्रिया रावत, ईशा, हितेश जोशी, हल्द्वानी की आंटी, कार्तिकेय जोशी, हल्द्वानी_ऑफिशियल, हल्द्वानी_ट्यूटोरियल, अक्षय भट्ट, iam.jazzyofficial, दुक्लनाशतोष, ट्रैवल_विद_शर्मा_जी, आवारा_आलोक, येसिट्ज़निक्की, सुहाना_आरडब्ल्यूटी, गौरव जंतवाल और लक्ष्य_05 जैसे चर्चित नाम शामिल थे।
इन सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स ने न केवल आयोजन की शोभा बढ़ाई बल्कि अपने प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से कार्यक्रम की झलकियों को व्यापक स्तर पर साझा कर पहाड़ी संस्कृति को वैश्विक पहचान दिलाने में योगदान दिया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों द्वारा दर्जनों फूड स्टॉल लगाए गए, जिनमें पहाड़ी पकवान जैसे सिसुनाक साग, झंगोरा खीर, गहत की दाल, भांग की चटनी और अलुवा जैसे व्यंजन प्रमुख आकर्षण रहे। आगंतुकों ने इन पारंपरिक व्यंजनों का भरपूर आनंद लिया और स्थानीय स्वादों की सराहना की।
इस मौके पर ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के निदेशक डॉ. एम.सी. लोहानी ने कहा, “ऐसे आयोजन हमारी पहाड़ी संस्कृति के प्रति श्रद्धांजलि हैं। हमें अपनी जड़ों पर गर्व होना चाहिए और उन्हें संजोए रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। ‘कौथिक 2.0’ न केवल स्थानीय प्रतिभाओं को मंच प्रदान करता है, बल्कि युवाओं को भी अपनी संस्कृति से जुड़ने के लिए प्रेरित करता है।”
‘कौथिक 2.0’ ने जहां युवाओं को लोकसंस्कृति से जोड़ने का प्रयास किया, वहीं उत्तराखंड की परंपराओं को एक नई पहचान भी दी। आयोजन ने यह साबित कर दिया कि तकनीक और संस्कृति का संगम अगर सही दिशा में हो, तो यह समाज को अपनी विरासत से जोड़ने का सशक्त माध्यम बन सकता है।
निष्कर्षतः, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में आयोजित ‘कौथिक 2.0’ न केवल एक सांस्कृतिक आयोजन रहा, बल्कि यह पहाड़ी पहचान और पारंपरिक मूल्यों को पुनर्जीवित करने का एक सफल प्रयास भी सिद्ध हुआ।

