यूओयू में पत्रकारिता विद्यार्थियों की चार दिवसीय कार्यशाला शुरू विशेषज्ञों ने लघु शोध निर्माण के गुर सिखाए

हल्द्वानी। उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) के पत्रकारिता एवं मीडिया अध्ययन विद्याशाखा में शुक्रवार से चार दिवसीय विशेष कार्यशाला की शुरुआत हुई। यह कार्यशाला एमएजेएमसी (MAJMC) चतुर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थियों के लिए आयोजित की गई है, जिसमें उन्हें लघु शोध (मिनी रिसर्च) तैयार करने की विधि और तकनीकें विस्तार से समझाई जा रही हैं।
यूओयू सभागार में आयोजित कार्यशाला के पहले दिन बाह्य विशेषज्ञ डॉ. गरिमा राय ने विद्यार्थियों को संचार शोध की मूल अवधारणाओं से परिचित कराया। उन्होंने शोध की परिभाषा, महत्व, विषय क्षेत्र और शोध प्राविधि पर विस्तृत जानकारी दी। डॉ. राय ने कहा कि किसी भी शोध को सफल बनाने के लिए गहन अध्ययन और सटीक विषय चयन अत्यंत आवश्यक है।
कार्यक्रम में समाज विज्ञान की निदेशक प्रो. रेनू प्रकाश ने सामाजिक अनुसंधान की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। उन्होंने विद्यार्थियों को शोध पद्धति, डेटा संग्रह तथा विश्लेषण के तरीके सरल भाषा में समझाए। साथ ही उदाहरणों के माध्यम से बताया कि किसी भी शोध की गुणवत्ता उसकी स्पष्टता और व्यवस्थित संरचना पर निर्भर करती है।
पत्रकारिता विभाग के निदेशक प्रो. राकेश रयाल ने ‘संचार शोध के विषय एवं विषय चयन’ पर विशेष सत्र लिया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि लघु शोध शुरू करने से पहले अपने विषय की पूरी पृष्ठभूमि, आवश्यकता और उद्देश्य को समझ लेना जरूरी है। इससे शोध कार्य न केवल सुव्यवस्थित बनता है, बल्कि उसे पूरा करना भी आसान हो जाता है।
कार्यक्रम का संचालन पत्रकारिता विभाग के डॉ. राजेन्द्र सिंह क्वीरा ने किया। उन्होंने बताया कि इस चार दिवसीय कार्यशाला में उत्तराखण्ड ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों से आए पत्रकारिता के विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों को शोध लेखन की बुनियादी समझ और व्यावहारिक कौशल प्रदान करना है, जो उनके आगामी शैक्षणिक तथा पेशेवर जीवन में उपयोगी सिद्ध होगा।
कार्यशाला में विद्यार्थियों ने विशेषज्ञों से प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। अगले तीन दिनों में उन्हें शोध प्रस्ताव, डेटा विश्लेषण और रिपोर्ट लेखन पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।








