“हाथियों का आतंक, खेतों में तबाही! जिम्मेदार सो रहे हैं, किसान रो रहे हैं!”

हल्द्वानी  हल्दूचौड़ (लालकुआं विधानसभा):
ग्राम पंचायत गंगापुर कबड़वाल के अंतर्गत आने वाले गांवों—भानदेव नवाड़, कृष्णा नवाड़, गंगापुर आदि में इन दिनों जंगली हाथियों का आतंक चरम पर है। खेतों में तैयार फसलें रौंद दी गई हैं, किसान रात-रात भर जागकर अपनी मेहनत की लाश देख रहे हैं।

क्षेत्र के ग्रामीणों के अनुसार, जंगली हाथियों के झुंड रोज़ाना गांवों में घुस आते हैं और खेतों में खड़ी फसलों को तहस-नहस कर जाते हैं। इससे न केवल आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि ग्रामीणों की जान-माल की सुरक्षा भी खतरे में है।

लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस संवेदनशील मुद्दे पर न तो जनप्रतिनिधि कोई ठोस कदम उठा रहे हैं और न ही वन विभाग गंभीरता दिखा रहा है। जब इस समस्या को लेकर प्रभागीय वनाधिकारी तराई केंद्रीय वन प्रभाग, यू. सी. तिवारी से बात की गई, तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि “विभाग के पास वर्तमान में हाथियों को रोकने के लिए बजट नहीं है।”

इस बेरुखे जवाब से किसानों में भारी आक्रोश है।
किसानों का कहना है कि एक ओर सरकार “किसानों की आय दोगुनी” करने की बात करती है, वहीं जब उनकी मेहनत पर हाथी कुचलते हैं तो कोई सुनवाई नहीं होती। ऐसे में यह दावा उन्हें महज़ चुनावी जुमला लगता है।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कोई समाधान नहीं निकाला गया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। किसानों की मांग है कि क्षेत्र में हाथियों की आवाजाही रोकने के लिए तत्काल सुरक्षात्मक कदम, जैसे सोलर फेंसिंग, वॉच टावर और चौकसी गश्त शुरू की जाए।

अब सवाल उठता है—क्या वन विभाग जागेगा या फिर किसान यूं ही अपनी मेहनत की मिट्टी होते देखता रहेगा?

जिम्मेदार कौन? जवाब कौन देगा?
सरकार, विभाग या कोई और?
अब ग्रामीण जवाब मांग रहे हैं।


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गिरीश भट्ट

मुख्य संवाददाता - मानस दर्पण

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