39 वर्षों से ग्राम राजनीति पर दुमका परिवार का दबदबा बरकरार – एक परिवार, पांच चेहरे, एक परंपरा

हल्दूचौड़ से प्रमोद बमेटा की विशेष रिपोर्ट

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव परिणामों की गूंज के बीच हल्दूचौड़ क्षेत्र की बमेटा बंगर ग्राम पंचायत में इतिहास ने एक बार फिर खुद को दोहराया है। यहां का दुमका परिवार पिछले 39 वर्षों से लगातार ग्राम प्रधान का पद संभाल रहा है, और इस बार भी मुकेश दुमका की शानदार जीत ने इस परंपरा को और मजबूत किया है।

1986 में रखी गई थी जीत की नींव

वर्ष 1986 में पूर्व विधायक नवीन दुमका ने राजनीति में अपनी पहली पारी ग्राम प्रधान के रूप में खेली। अपने सादगीपूर्ण स्वभाव, अनुशासन और जनसेवा के जज़्बे से उन्होंने न सिर्फ लोगों का दिल जीता बल्कि तीन बार लगातार प्रधान पद पर भी काबिज रहे।

धर्मपत्नी दीपा दुमका ने निभाई विरासत

तीन कार्यकालों के बाद नवीन दुमका ने नेतृत्व की बागडोर अपनी धर्मपत्नी दीपा दुमका को सौंपी, जिन्होंने पंचायत की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी और शानदार जीत दर्ज की।

युवा जोश: मुकेश दुमका की एंट्री

इसके बाद दुमका परिवार की नई पीढ़ी से मुकेश दुमका ने कमान संभाली। उन्होंने दो बार प्रधान पद पर जीत दर्ज कर विकास की सोच को मजबूती से आगे बढ़ाया।

महिला आरक्षण में भी कायम रहा दबदबा

जब ग्राम पंचायत की सीट महिला के लिए आरक्षित हुई, तो परिवार ने पीछे हटने की बजाय मुकेश की भाभी पूजा दुमका को आगे किया। पूजा ने भारी मतों से जीत दर्ज कर यह साबित कर दिया कि जनता का भरोसा दुमका परिवार पर आज भी अटूट है।

2025: फिर से मुकेश की वापसी

इस बार सीट पुनः अनारक्षित हुई तो मुकेश दुमका ने मैदान में वापसी की और एक बार फिर उन्होंने भारी मतों से विजय हासिल की। इस जीत के साथ ही दुमका परिवार ने लगातार 39 वर्षों तक ग्राम पंचायत पर प्रतिनिधित्व करने का एक अनोखा रिकॉर्ड कायम कर लिया है।

जनता का अटूट विश्वास, सेवा की मजबूत डोर

इस रिकॉर्ड को केवल राजनीति की जीत कहना पर्याप्त नहीं होगा। यह एक परिवार की जनसेवा, समर्पण और निष्ठा का प्रमाण है, जिसे जनता ने बार-बार स्वीकारा है।

हर दौर में चाहे वह पुरुष नेतृत्व हो या महिला आरक्षण, दुमका परिवार ने अपने प्रतिनिधित्व में पारदर्शिता, विकास और जवाबदेही की भावना को सर्वोपरि रखा


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गिरीश भट्ट

मुख्य संवाददाता - मानस दर्पण

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