बड़ी खबर: B.Ed. प्रवेश काउंसलिंग हुई सरल — छात्रों के लिए सुनहरा मौका
हल्द्वानी, 30 नवंबर। B.Ed. में दाखिला लेने की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए इस वर्ष बड़ी राहत की खबर है। नोडल एजेंसी कुमाऊँ विश्वविद्यालय ने प्रवेश काउंसलिंग प्रक्रिया को पहले से कहीं अधिक सरल और सुगम बना दिया है। नई प्रणाली के तहत उम्मीदवारों को उनकी एंट्रेंस परीक्षा में प्राप्त अंकों तथा दिए गए विकल्पों के आधार पर कॉलेज आवंटित किया जा रहा है।
पहला चरण काउंसलिंग का 29 नवंबर को संपन्न हो गया। इस चरण में कई छात्रों को उनकी पसंद के संस्थान मिले, जबकि कुछ ने बेहतर विकल्प की उम्मीद में आवंटन स्वीकार नहीं किया। विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया है कि जो छात्र पहले चरण के अलॉटमेंट से संतुष्ट नहीं हैं, वे उसे अस्वीकार कर दूसरे चरण की काउंसलिंग में भाग ले सकते हैं।
दूसरा चरण 1 दिसंबर से — असफल अभ्यर्थियों को भी मिलेगा मौका
काउंसलिंग का दूसरा चरण 1 दिसंबर से प्रारंभ होगा। इसमें न केवल वे उम्मीदवार शामिल हो सकेंगे जिन्हें पहले चरण में सीट नहीं मिली, बल्कि इस बार एंट्रेंस में अनुत्तीर्ण छात्र भी खाली सीटों पर प्रवेश के पात्र होंगे। इससे बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के लिए शिक्षण क्षेत्र में कदम रखने का अवसर बढ़ने की उम्मीद है।
“शिक्षक बनने का यह सही समय” — डॉ. सुधा जैसवाल
मरियम इंस्टीट्यूट की एडमिशन कोऑर्डिनेटर डॉ. सुधा जैसवाल ने बताया,
“जो अभ्यर्थी ज्ञान के प्रति जुनून रखते हैं और शिक्षण को अपने करियर के रूप में देखना चाहते हैं, उनके लिए यह समय अत्यंत योग्य है। इस वर्ष B.Ed. में दाखिला लेने वाले छात्रों को भविष्य में और अधिक लाभ होगा।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि CTET का वर्तमान पैटर्न अभी पुराने स्वरूप में ही रहेगा, लेकिन 2027 से चार वर्षीय B.Ed. पाठ्यक्रम लागू होने पर CTET भी NEP 2020 के अनुसार चार प्रकार में विभाजित होगा।
NEP 2020 के अनुसार शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को चरणबद्ध रूप में पुनर्गठित किया जा रहा है, इसलिए इस वर्ष B.Ed. में दाखिला लेने वाले उम्मीदवारों के लिए आगे प्रतिस्पर्धा में बढ़त की संभावना अधिक है।
“हम विद्यार्थियों को उनके सपनों के पेशे तक पहुंचाते हैं” — G. M. Joshi
मरियम B.Ed. कॉलेज के निदेशक श्री G. M. Joshi ने कहा,
“हमारे संस्थान का शिक्षण-अधिगम वातावरण छात्रों को सही दिशा प्रदान करता है। यहां उन्हें अपने सपनों का पेशा चुनने और उसे पूरा करने की प्रेरणा मिलती है।”
नई प्रवेश नीति और दो चरणों में काउंसलिंग की व्यवस्था से छात्रों को न केवल अधिक विकल्प मिल रहे हैं, बल्कि बेहतर कॉलेज चुनने का अवसर भी पहले की तुलना में अधिक सुलभ हो गया है। B.Ed. में दाखिले की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों में उत्साह साफ देखा जा रहा है।








