एनडी तिवारी के बाद धामी के राज मे हो रहा है उत्तराखण्ड का विकास

एनडी तिवारी के बाद धामी के राज मे हो रहा है उत्तराखण्ड का विकास

( गिरीश पन्त)

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है। पंडित नारायण दत्त तिवारी के बाद उत्तराखंड की सक्रिय राजनीति के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने राजनीतिक कौशल का लोहा न केवल विपक्षी कांग्रेस के सूरमाओं को बल्कि अपने ही दल के प्रतिद्दन्दियों से भी मनवा लिया है। इस माटी के सपूत से पहाड़वासियों को काफी उम्मीदें हैं। अपने ढाई साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री धामी ने कई बड़े फैसले लिए हैं। जिनके सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं। धामी सरकार ने अति निर्धन परिवारों को साल में तीन गैस सिलेंडर निशुल्क रिफिल करने की योजना, प्रदेश की महिलाओं को सरकारी नौकरी में तीस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का प्रावधान, राज्य में खेल और खिलाड़ियों के लिए प्रोत्साहन के लिए नई खेल नीति, मरीजों के लिए 207 पैथोलॉजिकल जांचों की निशुल्क सुविधा के साथ ही सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि पर फोकस और अपणि सरकार, पोर्टल ई ऑफिस, सीएम हेल्पलाइन के चलते कार्य संस्कृत में बेहतर सुधार किया है। यही नहीं पहली बार सकल राज्य घरेलू उत्पाद के आंकड़े का तीन लाख करोड़ से पार जाना एवं जीडीपी में 6.71 प्रतिशत की औसत वृद्धि और राजकोषीय घाटे में गिरावट स्पष्ट संकेत है कि धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड विकास की सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। ऐसे में महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट (कैग) सरकार और उत्तराखंडवासी का हौसला बढ़ाने वाली है। वहीं प्रदेश में बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने में पुष्कर सिंह धामी सरकार सबसे धाकड़ साबित हो रही है। सरकार ने महज ढाई साल के भीतर सोलह हजार युवाओं को विभिन्न विभागों में नौकरी देने का रिकॉर्ड बनाया है। यह आंकड़ा राज्य बनने के चौबीस साल में किसी भी सरकार में युवाओं को सबसे ज्यादा नौकरी मिलने का है। यही नहीं सरकारी नौकरी की राह देख रहे युवाओं के लिए धामी सरकार ने नौकरी का पिटारा खोल दिया है। इसी मांह 4405 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखंड अपने लुभावने परिदृश्यों और सांस्कृतिक विरासत के रूप में उभरा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ट्रैकिंग ट्रैक्शन सेंटर होम स्टे अनुदान योजना के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने का उनका सतत प्रयास उल्लेखनीय पहल है। ट्रैकिंग ट्रैक्शन सेंटर होम स्टे अनुदान योजना पर्यटन क्षेत्र में स्थानीय भागीदारी है। पहचाने गए ट्रैकिंग केन्द्रो के दो किलोमीटर के दायरे में ग्रामीणों को वित्तीय सहायता प्रदान करके धामी सरकार का उद्देश्य होमस्टे के निर्माण और सुधार को प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत सरकार ने विभिन्न उद्देश्यों के लिए वित्तीय अनुदान का भी प्रावधान किया है। धामी सरकार आम जन के जीवन को सुगम बनाने के लिए कृषि और उद्यान के क्षेत्र में ई – सुविधा की दिशा में विशेष ध्यान दे रही है। राज्य में कृषि और औद्योगिक के क्षेत्र में अनेक नवाचार किए गए हैं। किसानों की आर्थिक को तेजी से बढ़ाने की दिशा में प्रभावी प्रयास किया जा रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी के स्पष्ट आदेश है कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का पूरा लाभ किसानों को मिलना चाहिए । इसके लिए राज्य और जनपद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। मुख्यमंत्री ने किसानों की आमदनी बढ़ाने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य में पांली हाउस के निर्माण को बढ़ावा दिया है। मुख्यमंत्री धामी ने वर्ष 2022 में पेपर लीक मामला सामने आने के बाद सबसे सख्त नकल विरोधी कानून को लागू किया ताकि प्रदेश के युवाओं के साथ भविष्य में कोई खिलवाड़ न हो। नकल विरोधी कानून में सजा के कड़े प्रावधान किए गए हैं। कानून के तहत दोषी अभ्यर्थी के खिलाफ दस साल तक किसी भी परीक्षा देने पर प्रतिबंध और नकल करने वाले की संपत्ति जप्त और गैंगस्टर लगाने का प्रावधान है। मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेश में सरकारी भूमि पर हुए अवैध धार्मिक अतिक्रमण को हटाने के लिए वृद्धि स्तर पर अभियान चलाया। वन विभाग की भूमि पर बनाए गए अवैध धार्मिक अतिक्रमण को हटाया गया। कुमाऊं के प्राचीन और पौराणिक मंन्दिरों के विकास को लेकर भी मुख्यमंत्री धामी की पहल काफी सार्थक साबित हुई है। मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत पहले चरण में सोलह मंन्दिरों का चिन्हीकरण किया गया है जिनको विकसित करने की दिशा में कार्य शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री धामी ने राज्य की कमान संभालते ही सबसे पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाकर उत्तराखंड सिविल कोड लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना । इसके अलावा मुख्यमंत्री धामी ने धर्मान्तरण के मामले में गंभीरता दिखाते हुए सख्त कानून बनाए। कानून के तहत जबरन धर्मांतरण पर दस साल की सजा का प्रावधान है। बिना किसी भेदभाव के धार्मिक सरकार निरंतर विकास की ओर अग्रसर है। बहरहाल उत्तराखंड राज्य विकास और विश्वास के वातावरण में जन- आकांक्षाओं को पूरा करने के प्रयास के साथ आगे बढ़ रहा है।

गिरीश भट्ट

एडिटर - मानस दर्पण
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