यूओयू में पाठ्यक्रम सामग्री की गुणवत्ता पर कुलपति ने ली समीक्षा बैठक

हल्द्वानी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) के कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी ने मंगलवार को विश्वविद्यालय सभागार में शिक्षकों और विभागीय समन्वयकों के साथ बैठक की। बैठक का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय में संचालित सभी कार्यक्रमों की अध्ययन सामग्री की गुणवत्ता, लेखन, निर्माण व समयबद्ध वितरण सुनिश्चित करना था।

प्रो. लोहनी ने सभी विषय समन्वयकों व निदेशकों से अपील की कि वे अपने-अपने विषयों की शेष अध्ययन सामग्री शीघ्र तैयार कर मुद्रण के लिए उपलब्ध कराएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि गुणवत्ता के साथ-साथ समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि छात्रों को समय पर अध्ययन सामग्री प्राप्त हो सके।

कुलपति ने सभी विभागों व निदेशालयों को वर्षभर के लिए अकादमिक कैलेंडर तैयार करने के निर्देश दिए, ताकि समस्त शैक्षणिक गतिविधियाँ योजनाबद्ध और प्रभावी रूप से संचालित की जा सकें। साथ ही यह भी कहा गया कि प्रत्येक विभाग यह विचार करे कि किस प्रकार रोजगार, स्वरोजगार और जनोपयोगी कार्यक्रमों को अपने विभागीय ढांचे में सम्मिलित किया जा सकता है।

बैठक में अकादमिक निदेशक प्रो. पी.डी. पंत तथा शोध एवं नवाचार निदेशालय की निदेशक प्रो. गिरीजा पांडेय ने भी अपने विचार साझा किए और कार्यक्रम की रूपरेखा पर चर्चा की।

2. यूओयू में ट्रांसजेंडर युवाओं की शिक्षा पर संगोष्ठी का आयोजन 27 अगस्त को

हल्द्वानी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) द्वारा 27 अगस्त को समावेशी शिक्षा के अंतर्गत ट्रांसजेंडर युवाओं के शैक्षिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन विश्वविद्यालय सभागार में किया जाएगा।

संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य ट्रांसजेंडर युवाओं को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ना, उन्हें सम्मानजनक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना तथा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रयास करना है। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता चंडीगढ़ की प्रख्यात शिक्षाविद सुश्री धनंजय चौहान होंगी, जो ट्रांसजेंडर समुदाय की चुनौतियों और समाधान पर अपने विचार साझा करेंगी।

धनंजय चौहान ‘सक्षम प्रकृति वेलफेयर ट्रस्ट’ का संचालन करती हैं और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की सक्रिय सदस्य हैं। उन्होंने ट्रांसजेंडर समुदाय को सामाजिक मान्यता दिलाने के लिए लंबे समय से कार्य किया है।

समान प्रकोष्ठ सेल के सहप्रभारी डॉ. राजेंद्र कैड़ा ने बताया कि विश्वविद्यालय पहले से ही ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए नि:शुल्क शिक्षा, अध्ययन सामग्री और अकादमिक परामर्शदाता की सुविधा प्रदान कर रहा है। यह संगोष्ठी इसी प्रयास को और सशक्त बनाएगी


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गिरीश भट्ट

मुख्य संवाददाता - मानस दर्पण

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