उत्तराखंड : इस मंदिर में आंख और मुंह पर पट्टी बांधकर होती है पूजा, पास जाते ही हो सकते हैं अंधे

रमाकांत वरिष्ठ पत्रकार

हमारे देश भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जो काफी रहस्यमयी हैं या फिर अपनी अनोखी परंपराओं के लिए जाने जाते हैं। उत्तराखंड में एक ऐसा मंदिर है जहां श्रद्धालु सीधे प्रवेश नहीं कर सकते। इस मंदिर का नाम लाटू मंदिर है और यहां यह अनोखी परंपरा कई सालों से चली आ रही है।

कोई भी श्रद्धालु सीधे दर्शन के लिए नहीं जा सकता. यही कारण है कि मंदिर के पुजारी भक्तों को मंदिर में प्रवेश करने से पहले आंखों पर पट्टी बांधते हैं।
इसी कारण से भक्तों की आंखों पर पट्टी बांध दी जाती है।
ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में भगवान नागराज अपनी मणि के साथ विराजमान हैं और मणि की तेज रोशनी किसी भी भक्त को अंधा कर सकती है। इसी वजह से मंदिर में प्रवेश करने से पहले पुजारी भक्तों की आंखों पर पट्टी बांध देते हैं।

मंदिर वैशाख माह की पूर्णिमा को खुलता है।

इस रहस्यमयी मंदिर में पूरे साल किसी को भी प्रवेश की इजाजत नहीं है। इस मंदिर का प्रवेश द्वार वैशाख माह की पूर्णिमा के अवसर पर खुलता है। सभी भक्त दूर से ही भगवान के दर्शन करते हैं। इस दौरान मंदिर के पुजारी सभी की आंखों पर पट्टी बांधकर पूजा करते हैं।

इस मंदिर में इसी तरह की जाती है पूजा

लाटू मंदिर में ज्यादातर विष्णु सहस्रनाम और भगवती चंडिका का पाठ किया जाता है। मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। अगर आप भी इस प्रसिद्ध और विचित्र मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको चमोली जाना होगा। यदि आप दिल्ली से बस द्वारा लाटू देवता के दर्शन के लिए जा रहे हैं तो आपको ऋषिकेश होते हुए लगभग 465 किलोमीटर की यात्रा करनी होगी।


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गणेश मेवाड़ी

संपादक - मानस दर्पण

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