उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: स्थिति साफ नहीं

उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर फिलहाल स्थिति साफ नहीं है। सरकार पंचायती राज अधिनियम में संशोधन नहीं करा पाई है और ओबीसी आरक्षण के निर्धारण पर भी कोई ठोस निर्णय नहीं ले सकी है। इस कारण चुनाव प्रक्रिया लगातार टलती जा रही है।

*चुनाव प्रक्रिया में देरी के कारण*
– पंचायती राज अधिनियम में संशोधन नहीं हो पाया है
– ओबीसी आरक्षण के निर्धारण पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है

*सरकार की निगाह अब राजभवन पर*
सरकार की निगाह अब राजभवन की मंजूरी पर टिकी हुई है, जहां पंचायत राज एक्ट संशोधन से जुड़ा अध्यादेश विचाराधीन है। यदि इस अध्यादेश को राजभवन से हरी झंडी मिल जाती है, तो इसी महीने के अंत तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की जा सकती है।

*वर्तमान स्थिति*
फिलहाल, राज्य की त्रिस्तरीय पंचायतें प्रशासकों के हवाले हैं। राज्य सरकार ने कार्यकाल पूरा कर चुके ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्षों को ही अंतरिम प्रशासक के रूप में जिम्मेदारी सौंप रखी है।

*राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारी*
राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली हैं और आयोग के आयुक्त सुशील कुमार ने स्पष्ट किया है कि आयोग पूरी तरह से तैयार है। अब सरकार पर निर्भर करता है कि वह कब तक आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करती है ¹।


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गिरीश भट्ट

मुख्य संवाददाता - मानस दर्पण