पहाड़ के लोग तकलीफ में हैं_ हाकिम तक आवाज़ कैसे पहुंचे, कंधों पर ढोने की लाचारी_
नैनीताल जिले में अभी भी बीमार, बुजुर्गों व अन्य को डोली में लादकर कई किलोमीटर पैदल लेकर निकटवर्तीय मोटर मार्ग तक लाने की समस्या देखने को मिल रही हैं। ताजा मामला बबियाड तोक बिरसिंग्या गांव का है, जहां के ग्रामीण एक बीमार वृद्ध महिला को खड़ी चढ़ाई में कंधों पर लादकर मोटर मार्ग तक लाए।
नैनीताल जिले के दूरस्त बबियाड स्थित बिरसिंग्या गांव में मोटर मार्ग नहीं होने के कारण मरीजों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, बच्चों व जरूरतमंदों को मुख्य सड़क तक पहुंचाने के लिए आज भी किसी के कंधों का सहारा लेना पड़ता है। इन्हें डोलियों में बैठाकर कई किमी पैदल चलना पड़ता है।
ये अव्यवस्था उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क और स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलता है। ग्रामीण, असहाय लोगों को डोली के सहारे मुख्य मोटर मार्ग तक लाते हैं। वहां से मोटर वाहन से मरीज को अस्पताल ले जाया जाता है। ग्रामीणों की बेरोजगारी और पलायन के लिए, राज्य का ये कछुवा चाल विकास एक मुख्य कारण है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती