“उत्तराखंड में लोकतंत्र की हत्या और आपदा पर चुप्पी: विपक्ष ने विधानसभा में नियम 310 के तहत चर्चा की उठाई मांग”

देहरादून विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले मुख्यमंत्री एवं नेता सदन श्री पुष्कर सिंह धामी ने संसदीय कार्यमंत्री श्री सुबोध उनियाल के साथ गैरसैंण-भराड़ीसैंण स्थित सरकारी आवास पर शिष्टाचार भेंट की। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री सदन को शांतिपूर्ण और सुचारु रूप से संचालित करने का आश्वासन देने पहुंचे थे।
हालांकि, विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि हाल में संपन्न त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में लोकतंत्र की खुलेआम हत्या हुई है। आरोप लगाया गया है कि पुलिस के सहयोग से संगठित आपराधिक गिरोहों ने चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया, जबकि सरकारी अधिकारी सत्ता पक्ष के एजेंट की तरह व्यवहार कर रहे थे।
उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में आई आपदा के बाद सैकड़ों लोग लापता हैं, लेकिन सरकार अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर पाई है कि घटना में कुल कितने लोग हताहत हुए हैं। विपक्ष का आरोप है कि एक ओर जहां प्रदेश आपदा से कराह रहा है, वहीं सत्ता पक्ष जिला पंचायत सदस्यों की खरीद-फरोख्त में लगा हुआ है।
इन घटनाओं ने पूरे देश में उत्तराखंड की छवि को नुकसान पहुँचाया है। विपक्ष ने कहा कि देवभूमि को अब कानून व्यवस्था के मामले में सबसे खराब राज्यों की श्रेणी में गिना जाने लगा है। विपक्ष का यह भी कहना है कि ऐसी घटनाएं राज्य के इतिहास में अभूतपूर्व हैं, और इन पर गंभीर चर्चा जरूरी है।
विपक्ष ने मांग की है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में हुई अनियमितताओं और आपदा की घटनाओं पर विधानसभा में नियम 310 के अंतर्गत चर्चा कराई जाए। यदि सरकार इस पर चर्चा से इनकार करती है तो विपक्ष ने चेताया है कि प्रदेश हित में उनका सदन में बैठना निरर्थक हो जाएगा।

