बागेश्वर में पुलिस कार्य में बाधा पहुंचाने वाले को अदालत ने सुनाई सजा

बागेश्वर की सीजेएम अदालत ने पुलिस कार्य में बाधा पहुंचाने और थाने में तोड़फोड़ करने के एक आरोपी को दोषसिद्ध पाया है। अदालत ने आरोपी दीवान राम उर्फ धर्मा को विभिन्न धाराओं में दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर एक महीने की सजा काटने का भी आदेश दिया है।

*मामले की जानकारी*
घटना 15 जनवरी 2024 की है, जब बिलौना में दो लोगों के बीच सड़क किनारे झगड़ा हो गया। सूचना पर कोतवाली में तैनात हेड कांस्टेबल तारा सिंह गड़िया मौके पर पहुंचे और बीच-बचाव का प्रयास किया। जब पीड़ित कोतवाली पहुंचा और तहरीर लिखने लगा, तो आरोपी दीवान राम उर्फ धर्मा भी वहां पहुंच गया और मारपीट शुरू कर दी। उसने पुलिस के साथ भी मारपीट की और थाने में तोड़फोड़ की।

*अदालत का फैसला*
अदालत में सहायक अभियोजन अधिकारी रश्मि कुलकोडिया ने मामले में छह गवाह पेश किए। गवाहों को सुनने और पत्रावलियों का अवलोकन करने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गुंजन सिंह ने दीवान राम को धारा 332 और 353 में दोषी पाया और उसे दस-दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। धारा 427, 504 और 506 में उसे दोषमुक्त किया गया।

*अदालत के फैसले का महत्व*
अदालत के इस फैसले से स्पष्ट होता है कि पुलिस कार्य में बाधा पहुंचाने और सरकारी काम में हस्तक्षेप करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह फैसला भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए एक उदाहरण के रूप में काम करेगा।


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गिरीश भट्ट

मुख्य संवाददाता - मानस दर्पण