“घर बनी तहसील, कानूनगो बना ‘मालिक’! कमिश्नर की छापेमारी में उजागर हुआ फाइलों का खेल, तहसील प्रशासन कटघरे में”

📍 हल्द्वानी से बड़ी खबर — कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के औचक निरीक्षण ने हल्द्वानी तहसील की लापरवाही और कार्यप्रणाली की पोल खोल दी है। शिकायतों की पुष्टि के लिए जब कमिश्नर ने तहसीलदार के साथ उत्तर उजाला स्थित कानूनगो अशरफ अली के घर का दौरा किया, तो जो सामने आया, वह किसी प्रशासनिक ‘भ्रष्टाचार कथा’ से कम नहीं था।

🗂️ घर में चल रही थी “होम तहसील”!

कमिश्नर की मौजूदगी में कानूनगो के घर से दर्जनों सरकारी फाइलें और रजिस्टरों का जखीरा बरामद हुआ। ऐसा प्रतीत हुआ मानो सरकारी कार्यालय नहीं, बल्कि पूरा तहसील उनके घर में ही संचालित हो रहा हो।

🚫 फील्ड की जगह AC कमरा!

जांच में पता चला कि कानूनगो सरकारी कार्यालय या फील्ड में जाने की बजाय घर से ही रिपोर्ट तैयार कर भेज देते थे। कई फाइलों को जानबूझकर लंबित रखकर कार्यों में देरी की जाती थी, जिससे आवेदकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता।

⚠️ कमिश्नर की कार्रवाई से तहसील में हड़कंप

इस छापामार निरीक्षण से तहसील प्रशासन में हड़कंप मच गया है। मौके पर मौजूद अधिकारी भी स्थिति देखकर हैरान रह गए। बताया गया है कि कानूनगो अशरफ अली पूर्व में भी कई विवादों में रह चुके हैं, जिससे उनकी कार्यशैली पर पहले से ही सवाल उठते रहे हैं।

🧾 प्रशासनिक जांच के आदेश

कमिश्नर दीपक रावत ने इस पूरे मामले की प्रशासनिक जांच के आदेश जिलाधिकारी को दिए हैं। उन्होंने सख्त रुख अपनाते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है। अब सवाल उठता है कि क्या ऐसे अधिकारियों के भरोसे ही जनता के काम हो रहे हैं?

👉 जनता पूछ रही है:

आखिर कैसे घर में सरकारी फाइलों का अंबार लग गया?

अधिकारियों की निगरानी कहां थी?

क्या और भी “होम तहसील” चल रही हैं?

📌 यह सिर्फ एक कानूनगो की बात नहीं, बल्कि पूरे तहसील प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह है। अगर अब भी जिम्मेदार नहीं चेते, तो प्रशासनिक ढांचे पर लोगों का भरोसा डगमगाना तय है।

📲 खबर शेयर करें और आवाज़ उठाएं – ताकि सिस्टम जागे!


Advertisements

गिरीश भट्ट

मुख्य संवाददाता - मानस दर्पण

You cannot copy content of this page