हल्दुचौड़ के लोगो के लिए बड़ी समस्या आवारा पशु अब खुद कर रहे निदान

सरकार और सिस्टम इन आवारा पशुओ से निजात दिलाने मे असफल

हल्दुचौड़: पूरे प्रदेश में इस वक्त सबसे बड़ी समस्या आवारा जानवरों की है। दुर्घटनाओं में अकाल मौत, फसल का नुकसान और जान माल की हानि इन सबसे ग्रामीण इलाके और शहरी इलाके पूरी तरह से त्रस्त हैं, ऐसे में सरकार और सिस्टम ग्रामीण इलाकों में आवारा जानवरों से निजात दिलाने में नाकामयाब रहे हैं। इसका नतीजा आए दिन आवारा जानवरों से टकराकर अकाल मौत का शिकार हो रहे परिवार समझ सकते हैं। या वह किस जिसकी एक रात में पूरी फसल चौपट हो जाती है। लेकिन सरकारी सिस्टम का ढर्रा सभी को पता है, सिस्टम में चुने हुए जनप्रतिनिधि इस मामले में पूरी तरह मौन है, जबकि सबको पता है आने वाले चुनाव में आवारा जानवर ही इन जनप्रतिनिधियों के राजनीतिक भविष्य लिखेंगे.. जब लोग सिस्टम की लापरवाह रवैये से हार जाते हैं तो उन्हें खुद बीड़ा उठाना पड़ता है ऐसा ही कुछ काम हल्दुचौड़ क्षेत्र के समाजसेवी, गौ सेवक, जनप्रतिनिधि व स्थानीय लोगों ने गौ धाम के साथ मिलकर किया है। क्षेत्र में आवारा जानवरों से अब तक सात लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है, सैकड़ो हेक्टर फसल रोजाना आवारा जानवर बर्बाद कर देते हैं, लेकिन सरकारी सिस्टम के आवारा जानवरों को ग्रामीण इलाकों से दूर करने के प्रयास जैसे ऊंट के मुंह में जीरा हो..

हल्दुचौड़ के गौ सेवकों समाजसेवी जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने इस समस्या के निजात के लिए सबसे पहले सिस्टम के दरवाजे खटखटाए, जब वहां से कोई रिस्पांस नहीं मिला तो उसके बाद उन्होंने स्वयं आपस में गौ सेवा के लिए सहयोग करते हुए लाखों रुपए की लागत से 300 गोवंश के लिए टीन सेट का निर्माण करवाया, पानी के कनेक्शन से लेकर संपूर्ण कार्य पूरा होने पर सुबह 6:00 बजे से विभिन्न इलाकों के सर्वे करने शुरू किए। सर्वे में क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में आवारा गौ वंशों की संख्या तय करने के बाद शुरू किया अभियान।
आज से शुरू हुआ अभियान
हल्दुचौड़,सोयाबीन फैक्ट्री और मुख्य मार्ग की सड़क में इकट्ठा रहने वाले आवारा जानवरों को 100 से अधिक संख्या में टीम बनाकर स्थानीय लोगों जनप्रतिनिधियों व गौ सेवकों ने उन्हें हांक कर 90 गौ बंशो को गौशाला तक पहुंचाया। सिस्टम को आईना दिखाने वाली इस मुहिम में सैकड़ो लोग जुड़े। जिन्होंने सड़क मार्ग से गोवंशों को हांकते हुए काफी मशक्कत के बाद गौशाला तक पहुंचाने का काम किया। इस अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लेने वालों में गौ आश्रम की टीम, संस्थापक रामेश्वर दास, गोपीनाथ जी, के साथ ही जिला पंचायत सदस्य कमलेश चंदोला, समाजसेवी शुभम अंडोला, पूर्वप्रधान बीड़ी खोलिया, गोपाल जोशी, मोहन दुर्गापाल, महेश जोशी, खीम सिंह, सूरज भट्ट, पारस भट्ट, आनंद मेहता, नितिन जोशी, नितिन कपिल, प्रकाश पांडे, हरीश शर्मा, नारदजी, चरण दास जी सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।

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गणेश मेवाड़ी

संपादक - मानस दर्पण
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