लोहाघाट का जल आंदोलन समाप्त: जिलाधिकारी के आश्वासन पर संघर्ष समिति ने वापस लिया धरना

चंपावत में लोहाघाट का जल आंदोलन समाप्त हो गया है। जिलाधिकारी नवनीत पांडे के आश्वासन पर संघर्ष समिति ने धरना समाप्त करने की घोषणा की।

*क्या था आंदोलन का कारण?*

लोहाघाट में पेयजल संकट और सरयू लिफ्ट पेयजल योजना के शीघ्र निर्माण की मांग को लेकर लोहाघाट संघर्ष समिति द्वारा बीते छह दिनों से उपजिलाधिकारी कार्यालय परिसर में धरना दिया जा रहा था।

*जिलाधिकारी के आश्वासन*

जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने आंदोलनकारियों की समस्याएं गंभीरता से सुनीं और निम्नलिखित आश्वासन दिए:

– नगर क्षेत्र में लगे सभी अवैध कनेक्शनों व पंपों पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाएगी।
– पेयजल टैंकों की सफाई सुनिश्चित की जाएगी और जल टैंकरों की संख्या बढ़ाकर नियमित आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी।
– लगभग 108 करोड़ रुपये लागत वाली सरयू लिफ्ट पेयजल योजना की डीपीआर पर तेजी से काम किया जा रहा है और उस पर तेजी से कार्य प्रगति पर है।

*वैकल्पिक व्यवस्थाएं*

जिलाधिकारी ने बताया कि योजना पूर्ण होने में अभी 3 से 4 वर्ष का समय लग सकता है, परंतु तब तक नगरवासियों को वैकल्पिक माध्यमों से पेयजल उपलब्ध कराने हेतु विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

*धरना समाप्त*

जिलाधिकारी के आश्वासन का सम्मान करते हुए, संघर्ष समिति के अध्यक्ष विपिन गोरखा, संरक्षक प्रहलाद सिंह मेहता और अन्य सदस्यों ने धरना समाप्त करने की घोषणा की।

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गिरीश भट्ट

एडिटर - मानस दर्पण