उत्तराखंड में 16 हज़ार घोड़े-खच्चरों की सैंपलिंग की गई : सचिव पशुपालन

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तैयारियों के बीच पशुपालन विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सचिव पशुपालन डॉ बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम ने बताया कि एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पशुपालन मंत्री सौरव बहुगुणा के निर्देश पर पशुपालन विभाग ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाएं हैं।
*सैंपलिंग और टेस्टिंग*
सचिव पशुपालन ने बताया कि चार अप्रैल से यात्रा शुरू होने तक उत्तराखंड में 16 हज़ार घोड़े-खच्चरों की सैंपलिंग की गई है, जिसमें 152 सैंपल पॉजिटिव आए हैं। इन 152 सैंपल का पुनः आर.टी.पी.सी.आर टेस्ट भी कराया गया, जिसमें किसी भी घोड़े खच्चर की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं पाई गई।
*डॉक्टरों की टीम तैनात*
सचिव पशुपालन ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए 22 से अधिक डॉक्टरों की टीम को यात्रा मार्ग में तैनात किया गया है। इनमें एक मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी, दो उप मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी, 22 पशु चिकित्सक और राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र के दो वैज्ञानिक शामिल हैं।
*अस्वस्थ घोड़ों पर रोक*
सचिव पशुपालन ने बताया कि अस्वस्थ घोड़े को यात्रा मार्ग में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही स्वस्थ घोड़ों की सैंपलिंग कर रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही उन्हें यात्रा मार्ग में ले जाने की अनुमति होगी।
*स्थानीय लोगों का अनुरोध*
सचिव पशुपालन ने बताया कि केदार घाटी में घोड़े-खच्चरों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्थानीय लोगों एवं घोड़े-खच्चर व्यवसायियों व अन्य संगठनों द्वारा भी यात्रा मार्ग पर घोड़े खच्चरों पर लगी रोक को आगे बढाने का अनुरोध किया गया है। ताकि यात्रा मार्ग पर घोड़े खच्चरों में और संक्रमण बढ़ने की स्थिति उत्पन्न ना हो।
*जिला प्रशासन का निर्णय*
सचिव पशुपालन ने बताया कि घोड़े खच्चरों के पुनः संचालन के लिए जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय स्तर पर निर्णय लिया जाएगा।
