बच्चों में मोबाइल की लत ना डालें बता रहे हैं जाने-माने मनोवैज्ञानिक डॉक्टर युवराज पंत
हल्द्वानी।बच्चों को मनोरंजन के साधन के रूप में मोबाइल देना बेहद घातक बनता जा रहा है बच्चों को मनोरंजन के लिए मोबाइल देने की बजाय अच्छा है कि उन्हें स्पोर्ट्स ड्राइंग एवं पेंटिंग के कार्यों में इनवाल्व रखा जाए यह कहना है डॉक्टर सुशीला तिवारी अस्पताल में कार्यरत प्रख्यात मनोवैज्ञानिक डॉक्टर युवराज पंत का युवराज पंत सामाजिक संगठन सच के साथ के अध्यक्ष एवं समाज सेवी बीसी पंत से एक खास विषय पर चर्चा कर रहे थे सामाजिक संगठन सच के साथ ने विषय दिया था मोबाइल वरदान के साथ-साथ अभिशाप भी, इस पर डॉक्टर युवराज पंत का कहना है कि वर्तमान समय टेक्नोलॉजी का है अनेक टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है नए-नए रिसर्च सामने आ रही है ऐसे में ज्ञान के लिए या जानकारी अर्जित करने के लिए यह जरूरी है लेकिन इसका ज्यादा उपयोग या अनावश्यक उपयोग कभी-कभी वरदान से अभिशाप बन जाता है उनका कहना है कि वयस्क उम्र के लोग जो मोबाइल का उपयोग करते हैं उनमें इसका दुष्प्रभाव कम देखने को मिलता है क्योंकि उनका मस्तिष्क पूर्ण रूप से विकसित होता है और उन्हें यह ज्ञान होता है कि वह इसका उपयोग क्यों कर रहे हैं जबकि छोटी उम्र के बच्चे जिन्हें शुरू-शुरू में इसको महज मनोरंजन के लिए या सामान्य शिक्षा के लिए दिया जाता है वह उनकी डेवलपमेंट ऐज होती हैउनका मस्तिष्क पूर्ण रूप से विकसित नहीं होता है ऐसे में उन्हें इसका फायदा अथवा नुकसान का ज्ञान नहीं होता है और देखते-देखते हुए इसके आदि बनने लगते हैं और जब कभी उनसे मोबाइल छीन जाए तो उनके अंदर गुस्सा चिड़चिड़ापन पढ़ाई में मन नहीं लगना नींद नहीं आना पढ़ाई को छोड़ देना अथवा मारपीट करना जैसी समस्याएं आमतौर पर देखी जाती हैं डॉक्टर युवराज पंत यहां तक कहते हैं कि कभी-कभी तो मोबाइल की डिमांड पूरी नहीं होने पर बच्चे आत्महत्या जैसा घातक कदम भी उठा देते हैं उन्होंने कहा कि बच्चों को मनोरंजन के लिए या उन्हें इंगेज करने के लिए माता-पिता अक्सर मोबाइल देने की भूल कर बैठते हैं और यह बच्चे के जीवन के लिए बहुत बड़ा खिलवाड़ होता है उनका कहना है कि बच्चों के साथ बातचीत करें उनकी रुचि को परखें खेल ड्राइंग पेंटिंग आदि में उनका मन लगाए तब इसके घातक परिणाम सामने नहीं आएंगे