हरिद्वार में जीएसटी की ताबड़तोड़ कार्रवाई, हल्द्वानी में सिर्फ एक पर शिकंजा — कुमाऊं में ढीली क्यों पड़ गई कर विभाग की पकड़?

रुद्रपुर। दीपावली से पहले बाजारों की रौनक चरम पर है। इसी के साथ माल की आवाजाही भी तेजी पकड़ चुकी है। ऐसे में कर चोरी पर नकेल कसने के लिए राज्य कर विभाग (स्टेट जीएसटी) ने प्रदेशभर में विशेष अभियान छेड़ा है। लेकिन इस अभियान में हरिद्वार और कुमाऊं के नतीजे बिल्कुल विपरीत हैं — एक ओर जहां हरिद्वार में विभाग की टीमों ने ताबड़तोड़ छापेमारी से कर चोरी करने वालों की नींद उड़ा दी है, वहीं कुमाऊं में कार्रवाई महज औपचारिकता तक सिमटती नजर आ रही है।

हरिद्वार में सख्ती से मचा हड़कंप

हरिद्वार में राज्य कर विभाग की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (SIB) और सचल दल की संयुक्त टीम ने बीते कुछ दिनों में लगातार छापेमारी करते हुए करीब 10 ट्रांसपोर्टरों पर कार्रवाई की है। इन छापों में बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी के मामले सामने आए हैं। विभाग ने करोड़ों रुपये के लेन-देन की जांच शुरू कर दी है। कार्रवाई के बाद कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

कुमाऊं में सुस्त रफ्तार, सिर्फ एक पर कार्रवाई

इसके उलट, कुमाऊं जोन में विभाग की सक्रियता पर सवाल उठने लगे हैं। सूत्रों के मुताबिक, उधम सिंह नगर में तैनात डिप्टी कमिश्नर ने हल्द्वानी में केवल एक ट्रांसपोर्टर पर कार्रवाई की, जबकि एक अन्य पर मात्र औपचारिक जांच कर खानापूर्ति कर दी गई।
इधर, रुद्रपुर के रास्ते रोजाना राज्य के बाहर से भारी मात्रा में माल कुमाऊं पहुंच रहा है, लेकिन जांच और निगरानी के नाम पर सन्नाटा पसरा है।

देहरादून में पटाखा कारोबारियों पर कार्रवाई बनी मिसाल

राज्य मुख्यालय देहरादून में विभाग की सक्रियता का एक अलग ही उदाहरण देखने को मिला। पटाखा कारोबारियों पर छापेमारी के दौरान विभाग ने 4.25 लाख रुपये का जुर्माना वसूला, जिससे यह साबित होता है कि राजधानी में विभाग की टीमें पूरी मुस्तैदी से काम कर रही हैं।

रुद्रपुर से होकर टैक्स चोरी का ‘खुला रास्ता’

कर विभाग के जानकारों का कहना है कि रुद्रपुर से होकर कुमाऊं के कई शहरों में बिना किसी रोक-टोक के टैक्स चोरी का माल पहुंच रहा है। विभागीय सूत्रों का दावा है कि उधम सिंह नगर के डिप्टी कमिश्नर, जो कथित तौर पर एसआईबी और प्रवर्तन मुख्यालय के करीबी माने जाते हैं, पूरे मामले से “अनजान” बने हुए हैं।

हरिद्वार जैसी सख्ती से बढ़ सकता है राजस्व

विभागीय सूत्रों का कहना है कि अगर कुमाऊं में भी हरिद्वार और देहरादून की तर्ज पर सख्त जांच अभियान चलाया जाए, तो टैक्स चोरी पर अंकुश लग सकता है और प्रदेश के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि संभव है।
फिलहाल, कुमाऊं में ढीली कार्रवाई और उधम सिंह नगर जीएसटी महकमे की निष्क्रियता ने विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


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गिरीश भट्ट

मुख्य संवाददाता - मानस दर्पण

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