प्रमोशन होने पर नई तैनाती स्थल पर न जाने वाले कर्मचारियों के लिए कार्मिक विभाग सख्त

प्रमोशन होने पर नई तैनाती स्थल पर न जाने वाले कर्मचारियों के लिए कार्मिक विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। दरअसल, दुगर्म क्षेत्रों में प्रमोशन होने पर कर्मचारी आनाकानी करते हैं। सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन छोड़ना अब भारी पड़ सकता है उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार प्रमोशन की ‘फार गो पॉलिसी’ में बदलाव करने जा रही है। कार्मिक विभाग की तरफ से कैबिनेट के लिए यह प्रस्ताव तैयार कर दिया है।
प्रमोशन होने पर नई तैनाती स्थल पर न जाने वाले कर्मचारियों के लिए कार्मिक विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। दरअसल, दुगर्म क्षेत्रों में प्रमोशन होने पर कर्मचारी आनाकानी करते हैं। कई तो नई तैनाती वाले स्थानों पर जॉइन नहीं करते और प्रमोशन छोड़ने का तक आवेदन कर देते हैं। फिर सुगम क्षेत्रों में पद रिक्त होने पर प्रमोशन का दावा करने लगते हैं। ऐसे कर्मचारियों को भविष्य में प्रमोशन छोड़ना अब आसान नहीं होने जा रहा है। मौजूदा ‘फार गो पॉलिसी’ के तहत प्रमोशन छोड़ने वाले कर्मचारियों को एक मौका देने का प्रावधान है, जिसे अब सरकार खत्म करने जा रही है।
कार्मिक विभाग के एक वरिष्ठ अफसर का कहना है कि नीति में संशोधन होने के बाद जो कर्मचारी प्रमोशन छोड़ेगा उन्हें वरिष्ठता से हाथ धोना पड़ेगा। वह भविष्य में न तो प्रमोशन और न ही अपने जूनियर कर्मचारी का प्रमोशन होने पर उसके समान वेतन का दावा कर सकेगा। कार्मिक विभाग का मानना है कि वरिष्ठ कार्मिक के प्रमोशन छोड़ने पर संबंधित संवर्ग में प्रमोशन की चेन गड़बड़ा जाती है। ऐसे में लंबे समय तक प्रमोशन की प्रक्रिया बाधित रहने के साथ ही अन्य इच्छुक कर्मचारियों को समय पर प्रमोशन नहीं मिल पाते हैं, लिहाजा पॉलिसी को सख्त बनाया गया है। कई विभागों में फील्ड ड्यूटी वाले संवर्ग के अफसर अक्सर प्रमोशन से परहेज करते हैं। जब भी डीपीसी होती है तो उनके दस्तावेज अपूर्ण रहते हैं, जिससे उनके प्रमोशन पर मुहर नहीं लग पाती है। सूत्रों ने बताया कि सब रजिस्ट्रार, जिला आबकारी अधिकारी और जिला आपूर्ति अधिकारी संवर्ग में कई अफसरों की यही कोशिश रहती है। मौजूदा ‘फार गो पॉलिसी’ के तहत प्रमोशन छोड़ने वाले कर्मचारियों को एक मौका देने का प्रावधान है, जिसे अब सरकार खत्म करने जा रही है।


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गणेश मेवाड़ी

संपादक - मानस दर्पण

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