अब चौपाल में ही होगा विरासत का फैसला — जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल के सख्त निर्देश

लंबित नामांतरण प्रकरणों के त्वरित निस्तारण को लेकर राजस्व अधिकारियों को मिले स्पष्ट आदेश
नैनीताल, 14 अक्टूबर 2025 (संवाददाता):
जनपद नैनीताल में अब विरासत नामांतरण (विरासतन) से जुड़े मामलों का निस्तारण जनता की चौपाल में ही किया जाएगा। जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने जनहित को ध्यान में रखते हुए सभी उपजिलाधिकारियों, तहसीलदारों और राजस्व अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि वे लंबित विरासतन प्रकरणों का स्थलीय स्तर पर शीघ्र समाधान सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि भूमि स्वामी के निधन के बाद विरासत नामांतरण में देरी अस्वीकार्य है, क्योंकि इससे खातेदारों को सरकारी योजनाओं, मुआवज़े, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, और अन्य लाभों से वंचित होना पड़ता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि राजस्व ग्रामों में चौपाल लगाकर जनसुनवाई के माध्यम से नामांतरण के मामलों का निस्तारण किया जाए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश भूमि राजस्व अधिनियम, 1901 की धारा 33 के तहत यदि मृतक खातेदार के उत्तराधिकारियों के बीच कोई विवाद नहीं है, तो नामांतरण की प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ की जाए और 30 दिनों के भीतर निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। वहीं, जहां भूमि से संबंधित कोई व्यक्तिगत या कानूनी विवाद पाया जाए, वहां तत्काल जांच कर उसे तहसील स्तर पर सुनवाई हेतु भेजा जाए।
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि राजस्व अधिकारी आगामी 20 दिनों के भीतर सभी ग्रामों में चौपाल आयोजित करें, ताकि जनता को विरासत नामांतरण प्रक्रिया की जानकारी दी जा सके। प्रत्येक तहसीलदार यह सुनिश्चित करें कि सभी गैर-विवादित प्रकरणों का पारदर्शी और शीघ्र निस्तारण किया जाए।
जिलाधिकारी रयाल ने कहा कि चौपाल व्यवस्था से जनता को न केवल राहत मिलेगी, बल्कि राजस्व प्रशासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जनसंतुष्टि भी बढ़ेगी। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनावश्यक देरी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

