पत्रकार जीवन राज को मिलेगा उत्तराखंड द्रोणा रत्न सम्मान, प्रेरणादायक है उनके संघर्ष की कहानी
हल्द्वानी। दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत से कोई भी इंसान अपनी किस्मत बदल सकता है। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है उत्तराखंड के एक साधारण युवक ’’जीवन राज’’ की, जिन्होंने गरीबी और संघर्षों से निकलकर पत्रकारिता की दुनियां में न केवल अपनी पहचान बनाई, बल्कि अपने काम से समाज को नई दिशा दी। अब इसी मेहनत की बदौलत उन्हें यश इवेंट मैनेजमेंट आगामी 22 दिसंबर को उत्तराखंड के रामनगर होने जा रहे उत्तराखंड द्रोणा रत्न अवार्ड 2024 सम्मान समारोह में सम्माानित करने जा रहा है।गौरतलब है कि ’’जीवन राज’’ का जन्म 2 जून 1989 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर तहसील मेें स्थित छोटे से गांव लोद में हुआ। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी। सीमित साधनों और कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। शिक्षा के प्रति उनका झुकाव बचपन से ही था। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा ’’राजकीय उच्चतर विद्यालय लोद’’ से पूरी की। आठवीं कक्षा के बाद, उनकी शिक्षा का सफर आसान नहीं रहा। आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने ’’इंटर कॉलेज सलौज सोमेश्वर’’ का रुख किया, जहां से उन्होंने 12वीं तक की परीक्षा पास की। गरीबी के कारण पढ़ाई का खर्च निकालना उनके लिए बड़ी चुनौती थी। किताबें खरीदने और स्कूल की फीस भरने के लिए उन्हें ’’मजदूरी’’ तक करनी पड़ी। उन्होंने होटल और ढाबों में नौकरी की, लेकिन इन संघर्षों ने उनके आत्मविश्वास को कभी कम नहीं होने दिया। पढ़ाई के प्रति उनकी लगन उन्हें चंडीगढ, लुधियाना और लखनऊ से वापस हल्द्वानी ले आई, जहां उन्होंने उत्तराखंड के सबसे बड़े कॉलेज ’’एमबीपीजी कॉलेज’’ से समाजशास्त्र में पोस्ट-ग्रेजुएशन किया। लेकिन उनका सफर यहीं नहीं रुका। मन में कर गुजरने का उनका जूनून उन्हें लेखनी की ओर खींच ले गया। उन्होंने पत्र-पत्रकाओं में छोटे-छोटे लेख लिखने शुरू किये। पत्रकारिता में रुचि के चलते उन्होंने ’’उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी’’ से पत्रकारिता और जनसंचार में मास्टर की डिग्री हासिल की।
पत्रकारिता का सफर एक नई पहचान
वर्ष 2009 में जीवन राज ने हल्द्वानी से प्रकाशित ’’दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला’’ के साथ मीडिया के क्षेत्र में अपना पहला कदम रखा। शुरुआती दौर में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हर मुश्किल को अवसर में बदलते हुए सात साल तक यहां अपनी सेवाएं दीं। वर्ष 2010 में एक प्रसिद्ध मैगजीन में उनका एक लेख उस मैगजीन के पूरे एक पेज में प्रकाशित हुआ, तो पत्रकारिता के प्रति उनको नई पहचान मिली। हमेशा नया कर गुजरने की उनकी सोच ने उन्हें फिर दूसरे संस्थान की ओर चलने को प्रेरित किया। इसके बाद उन्होंने रुद्रपुर से प्रकाशित होने वाले ’’सांध्य दैनिक वसुंधरा दीप’’ में सब-एडिटर के रूप में काम किया। इस दौरान उन्होंने पत्रकारिता की गहराई को समझा और अपनी लेखनी को और प्रभावी बनाया। यहां उन्होंने एक के बाद एक सामाजिक मुद्दों पर अपनी कलम से खबरें प्रकाशित कर पत्रकारिता के क्षेत्र में एक नई इबादत लिख दी। उत्तराखंड लोक संस्कृति के प्रति उनकी लेखनी ने लोकगायकों को हौसला खूब बढ़ाया। उन्होंने उत्तराखंड के छोटे से छोटा और बड़े से बड़े कलाकार की मेहनत को अपनी लेखनी से जनता तक पहुंचाने का काम किया।
डिजिटल पत्रकारिता की ओर कदम
समय के साथ पत्रकारिता का स्वरूप बदला, और डिजिटल मीडिया का प्रभाव बढ़ने लगा। जीवन राज ने इस बदलाव को समझते हुए डिजिटल दुनिया में कदम रखा। उन्होंने ’’पहाड़ प्रभात’’ नाम से अपना डिजिटल न्यूज पोर्टल शुरू किया, जो उत्तराखंड की समस्याओं और पहाड़ों की आवाज़ को प्रमुखता से उठाने वाला एक मंच बना। ’’वर्ष 2023’’ में उन्होंने इसे और विस्तार देते हुए ’’पहाड़ प्रभात पाक्षिक समाचार पत्र’’ की शुरुआत की। आज, यह समाचार पत्र उत्तराखंड के लोगों के बीच एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में पहचाना जाता है।
पहाड़ की संस्कृति और भाषा के प्रति प्रेम
जीवन राज केवल पत्रकार ही नहीं, बल्कि एक सच्चे पहाड़ प्रेमी भी हैं। उन्होंने कई पहाड़ी गाने लिखे हैं, जिन्हें उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लोकगायकों ने गाया है। उनका अगला गीत, जो कि ’’पलायन’’ की समस्या पर आधारित है, जल्द ही रिलीज़ होने वाला है। उनका यह कदम न केवल पहाड़ी संस्कृति को बढ़ावा देता है, बल्कि उन समस्याओं को भी उजागर करता है, जिनसे पहाड़ के लोग जूझ रहे हैं। पत्रकार जीवन राज की कहानी हमें यह सिखाती है कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, अगर इंसान मेहनत और समर्पण के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता है, तो सफलता निश्चित है। उन्होंने गरीबी को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। शिक्षा के प्रति उनकी लगन और पत्रकारिता के प्रति उनका समर्पण उनकी सफलता का आधार है। डिजिटल पत्रकारिता में उनकी पहल ने पहाड़ों की आवाज़ को देश और दुनिया तक पहुंचाने का काम किया।
आज, जीवन राज ’’हल्द्वानी’’ में रहकर अपने समाचार पत्र और न्यूज पोर्टल को चला रहे हैं। उनकी पत्रकारिता न केवल खबरों तक सीमित है, बल्कि यह समाज को जागरूक और प्रेरित करने का एक माध्यम बन चुकी है। वह उत्तराखंड में सबसे भरोसेमंद पत्रकारों में से एक माने जाते हैं। जीवन राज की कहानी एक उदाहरण है कि किस तरह सीमित साधनों और कठिन परिस्थितियों के बावजूद एक इंसान अपनी मेहनत से समाज में नई पहचान बना सकता है। उनकी यह यात्रा केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं। गरीबी से निकलकर संघर्ष और मेहनत के बल पर अपनी पहचान बनाना और समाज को रोशनी देना। यही जीवन राज की सच्ची कहानी है। इस बार यश इवेंट मैनेजमेंट ने उनके उनके समाचार पत्र पहाड़ प्रभात को अपना डिजिटल मीडिया पार्टनर बनाया। साथ ही पत्रकार जीवन राज को उत्तराखंड द्रोणा रत्न अवार्ड 2024 सम्मान देने के लिए निर्णय लिया है।