“GST में राहत की जगह लूट! ग्रामीण क्षेत्रों में मनमानी दरों पर बिक रहा तेल-चीनी, ग्राहक ठगा महसूस कर रहे”

नैनीताल/हल्द्वानी। प्रधानमंत्री मोदी की ओर से घोषित GST की संशोधित घटी दरों का लाभ आम जनता तक पहुंचाने की बजाय व्यापारियों ने इसे कमाई का मौका बना लिया है। सोमवार सुबह जैसे ही बाजार खुले, तेल, आटा, चीनी, मसाले और चाय पत्ती जैसी रोजमर्रा की वस्तुएं 9 से 10 फीसदी तक महंगे दामों पर बिकती पाई गईं।
यह हाल सिर्फ शहरी नहीं, नैनीताल जनपद के ग्रामीण और कस्बाई इलाकों – रानीबाग, काठगोदाम, कालाढूंगी, तल्ली हल्द्वानी, हल्दूचौड़, भवाली, गरमपानी, बेतालघाट, बैलपड़ाव सहित दर्जनों स्थानों से रिपोर्ट हुआ है। व्यापारी पुराने रेट्स से भी महंगे दाम वसूल रहे हैं, जबकि सरकार ने कई उपभोक्ता वस्तुओं पर टैक्स दरें घटा दी हैं।
“100 रुपए में आधा लीटर तेल, वो भी GST राहत के बाद!”
रानीबाग में ‘चक’ ब्रांड की आधा लीटर सरसों तेल की बोतल, जो 3 दिन पहले तक ₹90 में मिल रही थी, वह सोमवार को ₹100 में बेची गई। पूछने पर दुकानदारों का सीधा जवाब था — “हमें थोक में ही ये रेट मिल रहा है।”
हैरानी की बात यह कि बोतल पर मूल्य की स्पष्ट जानकारी तक नहीं है। सिर्फ गर्दन पर बेहद छोटे अक्षरों में ₹114 अंकित है, यानी पहले ₹90 वाली बोतल की नई कीमत 24 रुपए बढ़ाकर ₹114 कर दी गई, फिर उस पर 14 रुपए की ‘छूट’ दिखाकर ग्राहक को ₹100 में बेचा जा रहा है।
“GST राहत में भी ठगी, ग्राहक हुए गुमराह”
ग्राहकों का गुस्सा अब व्यापारियों पर नहीं, सीधे प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री धामी पर फूट रहा है।
हल्द्वानी बाजार के थोक व्यापारियों ने GST कटौती की घोषणा होते ही चुपचाप MRP बढ़ा दी, ताकि छूट का लाभ ग्राहकों को न मिले।
“जवाब माँगने पर बदसलूकी!”
कुछ स्थानों पर ग्राहकों को राहत के बजाय बदसलूकी का सामना करना पड़ा। दुकानदारों ने सवाल पूछने पर बहस की, जवाब देने से कतराए और कई जगह नई पैकिंग में छुपे हुए दाम बताकर सामान बेचा गया।
प्रशासन मौन, जनता त्रस्त
अब जनता पूछ रही है — जब सरकार टैक्स घटा रही है तो हमारे खर्च क्यों बढ़ रहे हैं?
कई इलाकों से उपभोक्ताओं ने जिला प्रशासन और संबंधित विभागों की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर की
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किसने बढ़ाए दाम? थोक व्यापारियों पर कब गिरेगी गाज?
प्रशासन कब जागेगा?
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