हल्द्वानी में बच्चों की ज़िंदगी भगवान भरोसे, सुप्रीम कोर्ट के नियमों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं

चलती बम घड़ी बनी स्कूल बसें!

✍️ विशेष संवाददाता, हल्द्वानी (नैनीताल)

हल्द्वानी के मोटा हल्दू, कुसुमखेड़ा, मुखानी और गौलापार क्षेत्रों में निजी स्कूलों की बसें बच्चों को स्कूल नहीं, बल्कि सीधे संभावित हादसों की ओर लेकर जा रही हैं। इन स्कूल बसों में न GPS ट्रैकर, न CCTV कैमरे, न ही कोई महिला अटेंडेंट मौजूद है। ऐसे में ये वाहन ‘चलती बम घड़ी’ बन चुके हैं।

सुरक्षा के नाम पर दिखावा, ज़मीनी हकीकत चौंकाने वाली

सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई अनिवार्य सुरक्षा सुविधाएँ और जमीनी सच्चाई:

अनिवार्य सुविधा हकीकत

✅ GPS ट्रैकर ❌ पूरी तरह नदारद
✅ CCTV कैमरे ❌ तार तक कटे मिले
✅ महिला अटेंडेंट ❌ सिर्फ कागजों में मौजूद
✅ फायर एक्सटिंग्विशर ❌ चालकों को चलाना तक नहीं आता
✅ फर्स्ट एड किट ❌ नाममात्र मौजूद
✅ स्पीड गवर्नर ❌ पूरी तरह अनदेखा

अभिभावकों में बढ़ती चिंता: “फीस लेते हैं, सुरक्षा नहीं देते”

> “बच्चों की सुरक्षा के लिए हर साल भारी फीस भरते हैं, लेकिन स्कूल बसें अब चलती कब्रगाह बन गई हैं।”
– रश्मि बिष्ट, अभिभावक

 

> “अगर अब भी प्रशासन नहीं जागा तो अगला बड़ा हादसा हल्द्वानी को झकझोर देगा।”
– विकास जोशी, स्थानीय निवासी

जिम्मेदारी तय होनी चाहिए – लेकिन कौन लेगा ज़िम्मेदारी?

विभाग जिम्मेदारी हकीकत

RTO हल्द्वानी (UK-04) परमिट, फिटनेस, सुरक्षा उपकरण कई बसें बिना परमिट, बिना निरीक्षण
शिक्षा विभाग, नैनीताल अटेंडेंट, ड्राइवर की जांच कोई प्रभावी जांच नहीं
ट्रैफिक पुलिस नियमों का पालन सुनिश्चित करना केवल चालान – खानापूर्ति
फायर विभाग अग्निसुरक्षा जांच नियमित निरीक्षण तक नहीं हो रहा
जिलाधिकारी कार्यालय निगरानी व कार्रवाई अब तक पूरी चुप्पी

ज़मीनी हालात – क्षेत्रीय गवाहियाँ

📍 कुसुमखेड़ा – CCTV कैमरे सिर्फ दिखावे के, वायरिंग कट चुकी

📍 मोटा हल्दू – बच्चों को बिना किसी स्टाफ के अकेले भेजा जा रहा

📍 गौलापार – स्कूली बस से टकराते-टकराते बचा बाइक सवार

प्रशासन से तीखे सवाल

क्या जिलाधिकारी वंदना सिंह अब भी सिर्फ विभागीय रिपोर्टों पर भरोसा करेंगी?

क्या ‘प्राइवेट स्कूल लॉबी’ के दबाव में प्रशासन निष्क्रिय बना रहेगा?

क्या कोई बड़ा हादसा होने के बाद ही कार्रवाई होगी?

🙏 अभिभावकों की अपील: “अब चुप रहना जुर्म है!”

> “हम अपने बच्चों की जान खतरे में नहीं डाल सकते। अब हमें आवाज़ उठानी होगी।”

 

कहाँ करें शिकायत?

विभाग शिकायत के विषय

RTO कार्यालय परमिट, फिटनेस व वाहन की स्थिति
DEO नैनीताल महिला अटेंडेंट, स्टाफ की नियुक्ति
ट्रैफिक पुलिस ओवरलोडिंग, ड्राइविंग नियम उल्लंघन
फायर विभाग अग्निसुरक्षा उपकरणों की स्थिति

अब वक्त है एकजुट होकर आवाज़ उठाने का:

“बच्चों की सुरक्षा, हमारी प्राथमिकता!”


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गिरीश भट्ट

मुख्य संवाददाता - मानस दर्पण