सिर्फ निरीक्षण और निर्देशों तक सीमित रहा उच्च शिक्षा मंत्री का भ्रमण, ज़मीनी राहत से दूर

नैनीताल: 24 जून उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का नैनीताल भ्रमण एक बार फिर सिर्फ औपचारिक निरीक्षणों और निर्देशों तक सिमट कर रह गया। मंगलवार को बलियानाला के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने पहुंचे मंत्री ने मौके पर चल रहे ट्रीटमेंट कार्यों का निरीक्षण किया, लेकिन ज़मीनी हकीकतों से सीधे टकराने की बजाय उन्होंने सिर्फ विभागीय अधिकारियों को निर्देश देकर अपना दायित्व निभा लिया।
बलियानाला में सिंचाई विभाग के तहत तीन साल की परियोजना पर कार्य चल रहा है, जिसकी लागत अब बढ़कर 298.93 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। मंत्री ने निर्देश दिए कि “सभी कार्य समय से और सुरक्षात्मक ढंग से पूर्ण हों”, लेकिन यह सवाल अनुत्तरित रह गया कि अब तक की देरी और लागत में वृद्धि के लिए कौन जिम्मेदार है?
मंत्री ने प्रभावितों को भूमि चयन के निर्देश तो दिए, लेकिन विस्थापितों की मौजूदा स्थिति पर कोई ठोस समाधान या राहत की घोषणा नहीं की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्थानीय लोगों से संक्षिप्त मुलाक़ात की, लेकिन वास्तविक समस्याओं और समाधान के बीच की खाई जस की तस बनी रही।
पिछले वर्षों से बलियानाला क्षेत्र हर मानसून में खतरे की जद में आता रहा है, बावजूद इसके मंत्री का यह दौरा भी महज़ “निरीक्षण, निर्देश और आश्वासन” की परंपरा को ही दोहराता नजर आया।
स्थानीय जनता में इस बात को लेकर नाराज़गी है कि भारी-भरकम परियोजनाओं के बावजूद ज़मीनी कार्य धीमा है, और राजनीतिक नेतृत्व केवल कागज़ी समीक्षा तक सीमित है।

