केदार घाटी में एक बार फिर भारी बारिश और भूस्खलन

रविवार शाम को भीमबली क्षेत्र में अचानक हुई तेज बारिश के बाद मौसम साफ होने पर पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा मंदाकिनी नदी में समा गया। इस भूस्खलन के कारण नदी का पानी अवरुद्ध हो गया, जिससे वहां एक झील का निर्माण हो गया। हालांकि, इस आपदा में किसी भी प्रकार की जान-माल की क्षति नहीं हुई है, लेकिन झील के अचानक टूटने से नदी का जलस्तर बढ़ सकता है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने घटना की जानकारी मिलते ही तेजी से कार्रवाई की। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार ने बताया कि गौरीकुंड से रुद्रप्रयाग तक के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रशासन ने मंदाकिनी नदी के किनारे बसे लोगों से सतर्क रहने और नदी के करीब न जाने की अपील की है। साथ ही, प्रशासन ने गौरीकुंड, सोनप्रयाग और अन्य संवेदनशील स्थानों पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। यह घटना केदारनाथ घाटी में इस महीने में दूसरी बड़ी भूस्खलन की घटना है। 1 अगस्त 2024 को भी केदारनाथ ट्रेक पर लिनचोली, गौरीकुंड, और सोनप्रयाग में भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं हुई थीं, जिसमें कई जान-माल का नुकसान हुआ था। इस बार भीमबली क्षेत्र में हुए भूस्खलन ने एक बार फिर से 2013 की आपदा की याद दिला दी है, जब इसी प्रकार की घटनाओं के कारण क्षेत्र में व्यापक तबाही मची थी।

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गणेश मेवाड़ी

संपादक - मानस दर्पण
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