डॉ. मनीष नाजा ने संभाला एरीज के निदेशक का पदभार

नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्थान है। एरीज खगोल विज्ञान एवं खगोल भौतिकी तथा वायुमंडलीय विज्ञान में विशेषज्ञता रखता है; और देवस्थल वेधशाला परिसर में 4 मीटर अंतर्राष्ट्रीय तरल दर्पण टेलीस्कोप (आईएलएमटी) तथा 3.6 मीटर देवस्थल ऑप्टिकल टेलीस्कोप (डीओटी) के साथ मनोरा पीक स्थित मुख्य परिसर में 206.5 मेगाहर्ट्ज पर संचालित होने वाले एक अनूठे स्ट्रेटोस्फीयर-ट्रोपोस्फीयर रडार (एस्ट्राड) सहित कई अत्याधुनिक प्रेक्षण सुविधाओं का संचालन करता है। डॉ. मनीष नाजा ने 22 अक्टूबर, 2024 को एरीज के प्रभारी निदेशक डॉ. बृजेश कुमार से एरीज के पूर्ण कालिक निदेशक का पदभार ग्रहण किया है। डॉ. नाजा की 2006 में एरीज में नियुक्ति हुई और निदेशक का पद संभालने से पहले वे वैज्ञानिक-जी के पद पर कार्यरत थे। वे पिछले 4 वर्षों से संस्थान के वायुमंडलीय विज्ञान विभाग का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने लगभग 90 शोध पत्रों का सह-लेखन किया है और 8 छात्रों का पीएचडी के लिए मार्गदर्शन किया है। उनका शोध प्राथमिक रूप से निचले वायुमंडल के विभिन्न उपक्षेत्रों जैसे अल्प मात्रा की गैसों, एरोसोल, मौसम विज्ञान, पवन गतिकी, वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित है। वे भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) की वायुमंडलीय विज्ञान संबंधी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी हैं। उन्होंने अहमदाबाद स्थित भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) में अपनी पीएचडी का अनुसंधान कार्य किया और जापान के प्रतिष्ठित संस्थानों में पोस्ट-डॉक्टरल शोध किया है। डॉ. नाजा ने एरीज में एस्ट्राड सुविधा और वायुमंडलीय अनुसंधान के क्षेत्र में कई अन्य सहयोगी परियोजनाओं की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके सक्षम नेतृत्व में संस्थान प्रगति करता रहेगा तथा खगोल विज्ञान और वायुमंडलीय विज्ञान में अत्याधुनिक शोध कार्यों में योगदान देता रहेगा।


Advertisements

गणेश मेवाड़ी

संपादक - मानस दर्पण

You cannot copy content of this page