गैर-पंजीकृत नशा मुक्ति केंद्रों पर धामी सरकार का बड़ा एक्शन, सख्त कार्रवाई के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखण्ड में चल रहे गैर-पंजीकृत और मानकों से नीचे संचालित नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाना शुरू कर दिया है। प्रदेश भर में ऐसे केंद्रों की पहचान, औचक निरीक्षण और बंदी की प्रक्रिया को अब और तेज और सघन किया जाएगा।

इसी कड़ी में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण और स्टेट टास्क फोर्स (एसटीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री नवनीत सिंह भी मौजूद रहे। इसमें अवैध और अपंजीकृत नशा मुक्ति केंद्रों की पहचान, उनकी जांच और उन्हें बंद करने की विस्तृत रणनीति पर गहन विचार-विमर्श हुआ।

बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि सभी संबंधित एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय हो और कार्रवाई में कोई ढिलाई न बरती जाए। अब राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की जनपद स्तरीय निरीक्षण टीमें एसटीएफ की टीमों के साथ मिलकर काम करेंगी।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि बिना वैध पंजीकरण के चल रहे केंद्रों को तत्काल बंद किया जाएगा, साथ ही उन पर आर्थिक दंड और कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी। यह संपूर्ण अभियान ‘मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम’ के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है, जिससे मरीजों की सुरक्षा और पुनर्वास की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।

इस निर्णय से स्पष्ट है कि सरकार नशा उन्मूलन के अभियान को गंभीरता से ले रही है और अवैध गतिविधियों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


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गणेश मेवाड़ी

संपादक - मानस दर्पण

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