दीपक बल्यूटिया की जनहित याचिका रंग लाई, दमुवाढूंगा को मिलेगा मालिकाना हक

“जनता की जीत, सरकार बैकफुट पर”
हल्द्वानी | 21 अगस्त 2025 उत्तराखंड की राजनीति में आज एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया जब सरकार ने जवाहर ज्योति दमुवाढूंगा क्षेत्र में मालिकाना हक से जुड़ी रोक को हटाने की अधिसूचना जारी की। यह फैसला कांग्रेस प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया द्वारा 2021 में दाखिल जनहित याचिका के चलते आया, जिसे उन्होंने भाजपा सरकार द्वारा 2020 में लाए गए आदेश के विरुद्ध दायर किया था।
हल्द्वानी स्थित कैंप कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान बल्यूटिया ने इस निर्णय को “जनता की जीत और लोकतंत्र की विजय” बताया। उन्होंने दावा किया कि यह अधिसूचना सरकार ने न्यायालय के दबाव में जारी की है, क्योंकि संबंधित याचिका पर सुनवाई 22 अगस्त को उत्तराखंड उच्च न्यायालय में होनी है।
बल्यूटिया ने याद दिलाया घटनाक्रम:
20 दिसंबर 2016: कांग्रेस सरकार ने दमुवाढूंगा के निवासियों को मालिकाना हक दिलाने हेतु सर्वेक्षण एवं अभिलेखीय कार्रवाई की अधिसूचना जारी की।
13 मई 2020: भाजपा सरकार ने उक्त प्रक्रिया पर रोक लगाई, जिससे क्षेत्रवासियों की उम्मीदों को गहरा झटका लगा।
2021: बल्यूटिया ने उक्त रोक के विरुद्ध जनहित याचिका (WPPIL/118/2021) दाखिल की, जिस पर अब 22 अगस्त 2025 को सुनवाई होनी है।
21 अगस्त 2025: सरकार ने रोक हटाने की अधिसूचना जारी की।
तीखे सवाल सरकार से:
बल्यूटिया ने सरकार पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या यह अधिसूचना वास्तव में जनहित में है या सिर्फ अदालत की कार्रवाई से बचने की एक रणनीति?
उन्होंने पूछा:
1. क्या दमुवाढूंगा के लोगों को अब वास्तविक मालिकाना हक मिलेगा या यह सिर्फ दिखावा है?
2. जब मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन था, तब किस अधिकार से प्रशासन ने अवैध रूप से कमेटी बनाकर लोगों की जमीनों पर बोर्ड लगाए?
3. वे अनधिकृत बोर्ड अब कब हटेंगे?
4. सरकार बताए कि अधिसूचना पर कब से और कैसे अमल शुरू होगा?
9 वर्षों की अनदेखी:
बल्यूटिया ने कहा कि 2016 से 2025 तक दमुवाढूंगा के निवासियों को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखा गया। उन्होंने सरकार से मांग की कि अब समय आ गया है कि इस अधिसूचना पर ईमानदारी से कार्रवाई हो और क्षेत्रवासियों को उनका हक़ शीघ्रता से मिले।
बल्यूटिया ने अंत में कहा कि यह निर्णय केवल अधिसूचना तक सीमित न रह जाए, बल्कि धरातल पर लागू होकर क्षेत्र के लोगों को राहत पहुंचाए – यही असली लोकतंत्र की जीत होगी।

