गौ सेवा को भारतीय संस्कृति, धार्मिक परंपराओं और भारतीय समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा : भुवन भट्ट

भाजपा नैनीताल जिला मीडिया प्रभारी भुवन भट्ट ने गोवर्धन पूजा के पावन अवसर शुभकामनाएं देते हुए गौ माता की रक्षा और सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण संकल्प लिया। इस अवसर पर उन्होंने क्षेत्र के सभी नैनीताल जिले वासियों से गौ माता की सेवा के प्रति जागरूक और समर्पित होने की अपील की। भुवन भट्ट ने बताया कि गौ सेवा को भारतीय संस्कृति, धार्मिक परंपराओं और भारतीय समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि गाय केवल एक पशु नहीं है बल्कि हमारी संस्कृति में उसे ‘गौ माता’ का स्थान दिया गया है, जो जीवनदायिनी और पवित्र मानी जाती है। भारतीय संस्कृति में गाय का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है, और यह केवल एक पशु के रूप में नहीं, बल्कि एक सम्माननीय जीव के रूप में पूजी जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि गोवर्धन पूजा का पर्व भगवान श्रीकृष्ण के गोवर्धन पर्वत उठाने के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, जो कि प्रकृति, पशु और पर्यावरण के संरक्षण का संदेश देता है। इसी भावना के तहत गायों की रक्षा करना और उनका संरक्षण करना हम सभी का कर्तव्य है।

भुवन भट्ट ने विशेष रूप से युवाओं से अपील की कि वे आगे आकर गौ सेवा और संरक्षण के कार्यों में सक्रिय भागीदारी करें। उन्होंने गौ सेवा के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने पर जोर दिया और यह भी कहा कि यदि प्रत्येक व्यक्ति अपने स्तर पर गौ माता की सेवा और सुरक्षा का संकल्प ले तो समाज में सकारात्मक बदलाव आ सकता है। उन्होंने इस उद्देश्य के लिए गौशालाओं की स्थापना, गायों के लिए चारा और पानी की व्यवस्था, और उनकी चिकित्सा सुविधाओं में सुधार जैसे महत्वपूर्ण कार्यों पर जोर दिया।

इस मौके पर उन्होंने क्षेत्रवासियों को यह भी सुझाव दिया कि वे अपने घरों में गाय पालने का प्रयास करें और इसके लिए आवश्यक सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाएं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों को गौ रक्षा और संरक्षण में सहयोग देने और इस महत्वपूर्ण कार्य में सहभागी बनने के लिए प्रेरित किया। भुवन भट्ट ने अंत में यह संकल्प दोहराया कि वह व्यक्तिगत स्तर पर भी गौ रक्षा और सेवा के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे और अपने प्रयासों से क्षेत्र में गौ माता के संरक्षण का कार्य आगे बढ़ाते रहेंगे। उन्होंने गोवर्धन पूजा के इस विशेष दिन को गौ सेवा के प्रति समर्पित करते हुए सभी से आग्रह किया कि वे भी इस पुण्य कार्य में शामिल होकर अपने समाज और संस्कृति का संरक्षण करें।

गणेश मेवाड़ी

संपादक - मानस दर्पण
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