अल्मोड़ा में सहकारिता आधारित आजीविका को मिला नया आयाम

अल्मोड़ा: मुख्य विकास अधिकारी के दूरदर्शी नेतृत्व में हवालबाग विकासखंड में सहकारिता आधारित आजीविका को एक नई दिशा और गति मिल रही है। रीप परियोजना के अंतर्गत अंगीकृत सहकारिताओं को सब्जी उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अलंकृता ऐपन यूनिट, हवालबाग में ग्राम संगठन एवं सहकारिता बोर्ड के सदस्यों के साथ महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।

*सहकारिता व्यवसाय को सुदृढ़ बनाने की रणनीतियाँ*

बैठक में सहकारिता व्यवसाय को और अधिक सुदृढ़ बनाने की रणनीतियों पर गहन विचार-विमर्श किया गया, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके। इसके बाद ग्रामोत्थान परियोजना और उद्यान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण पहल की गई।

*महिला सशक्तिकरण की पहल*

विकास खंड के अंतर्गत कार्यरत 6 सहकारिताओं की महिला सदस्यों को हाइब्रिड सब्जियों के 4000 से अधिक पौधे वितरित किए गए। इन पौधों में मुख्य रूप से खीरा, लौकी, कद्दू और टमाटर शामिल थे, जिनकी उन्नत किस्मों से उत्पादन में वृद्धि की संभावना है।

*वैज्ञानिक खेती और आधुनिक तकनीकों की जानकारी*

उद्यान विभाग के विशेषज्ञों ने महिला कृषकों को सब्जी की वैज्ञानिक खेती और आधुनिक तकनीकों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की, ताकि वे बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकें और अपनी आय को बढ़ा सकें। यह प्रयास ग्रामीण महिलाओं को कृषि आधारित स्वरोजगार की दिशा में सशक्त बनाने और आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

*सामूहिक भागीदारी*

कार्यक्रम में जिला परियोजना प्रबंधक, ग्रामोत्थान, खंड विकास अधिकारी हवालबाग, सहायक प्रबंधक (वैल्यू चेन) ग्रामोत्थान, उद्यान विभाग के श्री रामलाल जी, फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी ताड़ीखेत के श्री रमेश बिष्ट, आजीविका समन्वयक हवालबाग, एरिया कोऑर्डिनेटर तथा समस्त सहकारिता स्टाफ ने सक्रिय रूप से भाग लिया। सभी हितधारकों की सामूहिक भागीदारी ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

*नई संभावनाओं का सृजन*

यह पहल निश्चित रूप से क्षेत्र की अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी और सहकारिता के माध्यम से आजीविका विकास के नए अवसरों का सृजन करेगी। इससे ग्रामीण महिलाओं को अपने जीवन स्तर में सुधार करने और आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।


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गिरीश भट्ट

मुख्य संवाददाता - मानस दर्पण

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