मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘सशक्त बहना उत्सव’ में महिलाओं को किया प्रेरित: “महिलाएँ बनें उत्तराखण्ड की आत्मनिर्भर अग्रदूत”

महिलाओं ने पारंपरिक कला और स्वदेशी उत्पादों के निर्माण में दिखाई नई दिशा: मुख्यमंत्री ने विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया
चंपावत, 16 अक्टूबर 2025: उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को टनकपुर के छीनीगोठ में आयोजित “मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव” में महिलाओं के स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता की दिशा में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया। इस कार्यक्रम में महिलाओं ने अपनी पारंपरिक कला, कौशल और उद्यमिता का शानदार प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री धामी ने महिलाओं के साथ मट्ठा बनाने, ऐंपण कला, सोल्डरिंग, धान कूटने और लौह उद्योग के निर्माण कार्यों में सहभागिता कर उन्हें प्रोत्साहित किया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत में ही महिलाओं के उत्साह को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “महिलाओं की शक्ति और समर्पण से ही ‘विकसित उत्तराखण्ड’ का सपना साकार होगा। राज्य सरकार केवल सहयोग नहीं, बल्कि महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।”
संस्कृतिक उत्सव और महिलाओं का परंपरागत स्वागत
कार्यक्रम की शुरुआत में, महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में ढोल-दामऊ और छोलिया नृत्य के साथ मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस दौरान विद्यालय के बच्चों ने बैंड वादन से माहौल को और भी उत्साही बना दिया। मुख्यमंत्री ने महिलाओं की पारंपरिक कला और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति सम्मान व्यक्त किया और इस बात पर जोर दिया कि हमारे परंपरागत शिल्प और कौशल को आधुनिक संदर्भ में अपनाने की आवश्यकता है।
प्रदर्शनी का अवलोकन और सहभागिता
मुख्यमंत्री ने उत्सव स्थल पर विभिन्न लाइव स्टालों का दौरा किया, जहाँ महिलाओं ने मट्ठा बनाने, ऐंपण (Aipan) कला, सोल्डरिंग और धान कूटने जैसे पारंपरिक कार्यों का प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री धामी ने खुद इन गतिविधियों में भाग लेकर महिलाओं को प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “हमारी सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक खाद्य पदार्थों को यदि हम आधुनिक रूप में बाजार से जोड़ें, तो इससे न केवल हमारी संस्कृति को बचाया जा सकता है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त करेगा।”
महिलाओं के तकनीकी कौशल का उत्सव
मुख्यमंत्री ने इलेक्ट्रिक कार्यों में संलग्न महिलाओं के स्टाल पर पहुंचकर उनके साथ दीपावली की लाइटों की सोल्डरिंग की। उन्होंने इस दौरान कहा, “महिलाएँ अब केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि उत्पादक और उद्यमी बन रही हैं। यही आत्मनिर्भर भारत का असली उदाहरण है।” मुख्यमंत्री ने महिलाओं से आह्वान किया कि वे दीपावली पर अपने द्वारा निर्मित अधिक से अधिक उत्पाद खरीदने के लिए प्रोत्साहित करें।
पारंपरिक कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं का योगदान
मुख्यमंत्री ने महिला समूहों द्वारा चलाए जा रहे कृषि आधारित कार्यों की सराहना की। उन्होंने ओखल में धान कूटने की प्रक्रिया में महिलाओं के साथ सहभागिता की और कहा कि पारंपरिक कृषि पद्धतियाँ और हस्तनिर्मित खाद्य उत्पाद स्वास्थ्य, पर्यटन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था से सीधे जुड़े हुए हैं।
महिलाओं के लिए सरकारी योजनाओं की सराहना
मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित ‘महालक्ष्मी किट’ का वितरण लाभार्थी महिलाओं को किया। उन्होंने यह भी कहा, “सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएँ चला रही है, जैसे उज्ज्वला, जन धन योजना, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास योजना, और नारी शक्ति वंदन अधिनियम। इन योजनाओं से महिलाओं को अधिकार और अवसर मिल रहे हैं।”
स्वरोजगार में वृद्धि और ‘लखपति दीदी’ की उपलब्धि
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में लगभग 70,000 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 5 लाख से अधिक महिलाएँ स्वरोजगार से जुड़ी हैं। इनमें से 1.65 लाख महिलाएँ ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के लिए सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत आरक्षण लागू कर चुकी है और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए समान नागरिक संहिता भी लागू की गई है।
महिलाओं को दी प्रेरणा
मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा, “नारी तू शक्ति है, नारी तू सृष्टि की मुस्कान है; जब नारी सशक्त होगी, तभी उत्तराखण्ड समृद्ध होगा।” उन्होंने महिलाओं को आह्वान किया कि वे ‘लोकल फॉर वोकल’ के मंत्र को जन आंदोलन बनाकर आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के निर्माण में योगदान दें।
मुख्यमंत्री का भविष्यवाणी:
“महिलाओं के सशक्तिकरण से ही राज्य सशक्त होगा। जब बहनें आत्मनिर्भर होंगी, तभी उत्तराखण्ड आत्मनिर्भर बनेगा। महिला उद्यमिता और उनके स्वावलंबन की दिशा में हम हर कदम साथ चलेंगे।”
कार्यक्रम में दर्जा राज्य मंत्री श्याम नारायण पांडे, जिला अध्यक्ष गोविंद सामंत, प्रदेश महामंत्री मुकेश कलखुड़िया, जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद अधिकारी सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि, विभागीय अधिकारी और हजारों लोग उपस्थित थे।

