रिश्वतखोर इंजीनियर बर्खास्त, पत्नी की फर्म में ट्रांसफर कराए थे 10 लाख!”

देहरादून | 17 जुलाई 2025 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत एक और बड़ा कदम उठाया गया है। उत्तराखंड पेयजल निगम, हल्द्वानी के प्रभारी मुख्य अभियंता सुजीत कुमार को ₹10 लाख की रिश्वत लेने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह राशि अभियंता द्वारा अपनी पत्नी की फर्म के खाते में ट्रांसफर कराई गई थी, जो सीधे तौर पर पारिवारिक हितों से जुड़ी मानी गई।
शिकायत से उठा परदा, जांच में खुला भ्रष्टाचार का चिट्ठा
काशीपुर निवासी संजय कुमार द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय में दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2022 में तत्कालीन अधीक्षण अभियंता सुजीत कुमार ने पेयजल विभाग में उनकी फर्म को ठेका दिलाने और पंजीकरण करवाने का लालच दिया। इसके बदले उन्होंने ‘कुचु-पुचु इंटरप्राइजेज’ नामक फर्म के खाते में पाँच किस्तों में ₹10 लाख जमा करवाए।
जांच में यह सामने आया कि उक्त फर्म में अभियंता सुजीत कुमार की पत्नी साझेदार हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह लेन-देन निजी लाभ के उद्देश्य से किया गया था।
बैंक स्टेटमेंट और दस्तावेज बने सबूत
शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत बैंक स्टेटमेंट, स्टाम्प पेपर और अन्य कानूनी दस्तावेजों की पुष्टि प्राथमिक जांच में हुई। मामले की गंभीरता को देखते हुए अभियंता को 15 दिन का जवाबी समय दिया गया, लेकिन सुजीत कुमार कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दे सके।
मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर निर्णायक कार्रवाई
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर कार्मिक एवं सतर्कता विभाग द्वारा की गई विस्तृत जांच में आरोप पूर्णतः सत्य पाए गए। रिपोर्ट के अनुसार अभियंता ने आचरण नियमों का घोर उल्लंघन किया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि—
> “भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनता के विश्वास की कीमत पर कोई समझौता नहीं होगा।”
ज़ीरो टॉलरेंस नीति के तहत अब तक 200 से अधिक अधिकारियों पर गिरी गाज
राज्य सरकार की ‘भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड’ की नीति के तहत अब तक 200 से अधिक अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जा चुकी है। यह ताज़ा मामला बताता है कि चाहे पद कितना भी बड़ा क्यों न हो, सरकार की निगरानी से कोई नहीं बच सकता।

