अल्कोहल विथड्रॉल सिंड्रोम: एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या और उसका इलाज

मनोवैज्ञानिक बबीता दसोनी का यह लेख आपको एल्कोहल विड्रोल सिंड्रोम के बारे में जानने में सहायक सिद्ध हो सकता है.

शराब की लत के कारण दुनियाभर में लाखों लोग शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। जब एक व्यक्ति लंबे समय तक शराब का सेवन करता है और अचानक उसे छोड़ने की कोशिश करता है, तो उसे “अल्कोहल विथड्रॉल सिंड्रोम” (Alcohol Withdrawal Syndrome) का सामना करना पड़ सकता है। यह एक गंभीर स्थिति है, जिसमें शरीर और मस्तिष्क शराब की कमी के कारण गंभीर लक्षणों का अनुभव करते हैं। शराब की अचानक कमी से होने वाली इस स्थिति को नज़रअंदाज करना जानलेवा साबित हो सकता है।

क्या है अल्कोहल विथड्रॉल सिंड्रोम?

अल्कोहल विथड्रॉल सिंड्रोम तब होता है जब व्यक्ति शराब का सेवन करने के बाद उसे अचानक बंद कर देता है। शराब में पाए जाने वाले एथेनॉल (ethanol) के कारण केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS) पर दबाव पड़ता है। जब यह दबाव अचानक हटा लिया जाता है, तो शरीर को इसकी आदत होती है, और उस बदलाव को संभालने में कठिनाई होती है। इसके कारण शारीरिक और मानसिक लक्षण उत्पन्न होते हैं, जिनका इलाज समय पर न किया जाए तो यह स्थिति गंभीर हो सकती है।

लक्षण और संकेत

अल्कोहल विथड्रॉल सिंड्रोम के लक्षण व्यक्ति की सेहत और शराब की लत की गहराई के आधार पर भिन्न हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर इसके लक्षण निम्नलिखित होते हैं:

1. उल्टी और मितली: शराब का सेवन बंद करने के बाद अक्सर पेट में गड़बड़ी और उल्टी जैसी समस्याएं होती हैं।

2. चक्कर आना और घबराहट: व्यक्ति को चक्कर आ सकते हैं और वह बेचैनी महसूस कर सकता है।
3. हाथ-पैर में कंपन: शराब की कमी के कारण शरीर में कमजोरी और हाथों में कंपन हो सकता है।

4. मूड स्विंग्स: शराब का सेवन बंद करने के कारण व्यक्ति के मानसिक स्थिति में उतार-चढ़ाव हो सकते हैं, जिससे वह अचानक गुस्से में आ सकता है या अत्यधिक उदास महसूस कर सकता है।

5. दौरे (Seizures): गंभीर मामलों में व्यक्ति को दौरे भी पड़ सकते हैं, जो स्थिति को और भी खतरनाक बना सकते हैं।

6. डिलीरीअम ट्रेमेन्स (DTs): यह एक गंभीर अवस्था है जिसमें व्यक्ति को भ्रम, भ्रमित सोच और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति चिकित्सा देखभाल के बिना जानलेवा हो सकती है।

अल्कोहल विथड्रॉल के कारण

शराब के सेवन से शरीर के तंत्रिका तंत्र में बदलाव आते हैं, जो लंबे समय तक शराब का सेवन करने के कारण स्थायी हो जाते हैं। जब शराब की मात्रा अचानक घटाई जाती है, तो शरीर इन परिवर्तनों को तुरंत सहन नहीं कर पाता, जिससे अल्कोहल विथड्रॉल सिंड्रोम उत्पन्न होता है। इसके अतिरिक्त, मानसिक दबाव, तनाव, और शराब की लत के कारण व्यक्ति को यह समस्या और भी बढ़ सकती है।
उपचार: कैसे किया जाए अल्कोहल विथड्रॉल का इलाज?

अल्कोहल विथड्रॉल सिंड्रोम का इलाज समय पर और सही तरीके से किया जाना जरूरी है। इसके लिए निम्नलिखित उपचार अपनाए जाते हैं:

1. मेडिकल निगरानी और दवाइयां: शराब का सेवन अचानक छोड़ने से उत्पन्न होने वाली गंभीर लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए दवाइयों का सेवन किया जाता है।

2. मनोवैज्ञानिक सहायता और काउंसलिंग: शराब की लत को छोड़ने के लिए मानसिक सहायता भी जरूरी है। काउंसलिंग और थेरेपी की मदद से व्यक्ति अपने मानसिक दबाव और भावनाओं को नियंत्रित कर सकता है।

3. रेहैबिलिटेशन कार्यक्रम: शराब की लत से मुक्ति पाने के लिए नशा मुक्ति केंद्रों का सहारा लिया जा सकता है। यहां व्यक्ति को एक संरचित वातावरण में इलाज और समर्थन मिलता है।

अल्कोहल विथड्रॉल सिंड्रोम एक गंभीर समस्या है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। शराब के सेवन को अचानक बंद करने से उत्पन्न होने वाली यह स्थिति जीवन को संकट में डाल सकती है। इसलिए यदि आप या आपके जानने वाला व्यक्ति शराब की लत से जूझ रहा है, तो उसे विशेषज्ञ चिकित्सक की मदद लेनी चाहिए। शराब से मुक्ति पाना संभव है, लेकिन इसके लिए सही समय पर और सही इलाज की जरूरत होती है।


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गणेश मेवाड़ी

संपादक - मानस दर्पण

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